India-China Border Dispute: भारत-चीन के बीच चुसुल-मोल्डो सीमा पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता, कुछ मुद्दों पर बनी सहमति
नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी सीमा विवाद के बीच भारत-चीन के सैन्य कोर कमांडर स्तर की वार्ता सोमवार को हुई। शनिवार को 9 घंंटे तक चली 12वें दौर की बातचीत को आगे बढ़ाते हुए सोमवार को भारतीय इलाके में चुसुल-मोल्डो बॉर्डर मीटिंग पॉइंट पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई।
बातचीत के दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने पूरा लेखाजोखा पेश किया और फिर बाद में एक साझा स्टेटमेंट भी जारी किया। इस स्टेटमेंट में ये कहा गया है कि पश्चिमी सेक्टर में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर बचे हुए इलाकों से डिसइंगेजमेंट को लेकर दोनों पक्षों ने विचारों का आदान-प्रदान किया है।
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बातचीत में दोनों देश मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत सुलझाने और बातचीत का सिलसिला बनाए रखने पर सहमति जताई। इस बात पर भी सहमति बनी कि वेस्टर्न सेक्टर में एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखना सुनिश्चित करेंगे औक इसके लिए प्रभावी कोशिश करेंगे।
मालूम हो कि 12वें दौर की सैन्य वार्ता से करीब दो सप्ताह पहले ( 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई शिखर वार्ता (SCO) के दौरान) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से बात की थी और ये स्पष्ट किया था कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी गतिरोध का असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ रहा है।
शनिवार को हुई थी 12वें दौर की वार्ता
आपको बता दें कि भारत-चीन के बीच शनिवार को 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। दोनों देशों की कोर कमांडर स्तर की ये वार्ता करीब 9 घंटे तक चली थी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर ओल्डी में यह बैठक सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई थी जो कि शाम 7.30 बजे खत्म हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध को खत्म करने को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की थी। बातचीत के दौरान दोनों देशों में ये सहमति बनी की वार्ता का उद्देश्य 14 महीनों से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में जारी गतिरोध को खत्म करना है।
बातचीत के दौरान भारत ने स्पष्टता के साथ अपनी बात दोहराते हुए हॉट स्प्रिंग और गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया बहाल करने पर जोर दिया। गौरतलब है कि इससे पहले भारत-चीन के बीच 11वें दौर की बातचीत 9 अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी। दोनों देशों के बीच तब करीब 13 घंटे तक मैराथन बैठक हुई थी। इसमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पर सहमति बनी थी।
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