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मोदी कैबिनेट के बाद अब ब्यूरोक्रेसी मे फेरबदल की बारी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट मे फेरबदल के बाद अब ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल भी तय माना जा रहा है और यह ज़रूरी भी है। 2019 चुनाव में जीत के बाद मोदी सरकार को 2 साल पूरे हो चुके हैं पर लोगों से किए वादों और कार्यों को पूरा करने का काम अभी भी जारी है। हालांकि पिछले साल मार्च में कोरोना महामारी के आने से उन कार्यों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। ऐसे मे सरकार के सामने ऐसी चुनौतियां हैं जिनको दूर करने के लिए कैबिनेट मे फेरबदल के बाद अब ब्यूरोक्रेसी मे बदलाव भी आवश्यक है। नीतियां भले ही सरकार बनाती है पर उन्हें क्रियान्वित करने की ज़िम्मेदारी ब्यूरोक्रेसी की होती है। ऐसे मे ब्यूरोक्रेसी मे बदलाव वर्तमान समय की आवश्यकता है। आइए ब्यूरोक्रेसी मे बदलाव के कुछ मुख्य कारणों पर एक नज़र डालते है।

अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाना

कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। कई छोटे व्यवसाय जहां पूरी तरह से ठप्प हो गए हैं, वही बड़ी कंपनियों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। इसी वजह से बेरोजगारी भी बढ़ी है। ऐसे मे यह ज़रूरी है कि ब्यूरोक्रेसी मे बदलाव लाया जाए, जिससे वो नए कैबिनेट के साथ तालमेल बना कर कार्य करें, रोजगार के नए अवसर पैदा करें और अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाएं।

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महंगाई पर काबू पाना

कोरोना के बाद से जहां अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है, उसी के चलते महंगाई भी बढ़ी है। आज पेट्रोल-डीज़ल के दाम भी आसमान छू रहे हैं जो सभी लोगों के लिए चिंता की बात है। साथ ही दैनिक जीवन की जरूरत का सामान भी महंगाई की मार से दूर नहीं रह पाया है। इसका सीधा असर गरीब और मिडिल क्लास पर पड़ा है। ऐसे मे सरकार के लिए ब्यूरोक्रेसी में सही बदलाव लाना बहुत ज़रूरी है, जिससे वह सरकार की सभी नीतियों को ध्यान मे रखते हुए महंगाई को कम करने के लिए काम करें।

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आंतरिक मोर्चे को संभालना

मोदी सरकार के सामने आंतरिक शांति भी एक बड़ा मुद्दा है। कश्मीर से धारा 370 को हटाए हुए लगभग 2 साल हो गए हैं पर अभी भी वहां राष्ट्रपति शासन है। ऐसे मे वहां एक निर्वाचित सरकार वर्तमान समय की ज़रूरत है। इसके लिए ज़रूरी है कि ब्यूरोक्रेसी मे ऐसा बदलाव लाया जाए जिससे वह गृह मंत्रालय के साथ समन्वय बनाए। इससे कश्मीर मे स्थिरता आएगी और रुके हुए कार्यों को गति मिलेगी। साथ ही चुनाव कराके एक ऐसी सरकार लाई जाए जो कश्मीर के विकास के लिए कार्य करे। तभी धारा 370 को हटाना कारगर साबित होगा।



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