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केरल में चर्च का ऐलान, ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले परिवार को दी जाएगी आर्थिक सहायता

नई दिल्ली। एक तरफ देश का एक राज्य उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठा रहा है तो वहीं देश केरल ( Kerala ) में एक चर्च ने चौंकाने वाला फरमान जारी किया है। दरअसल केरल के एक कैथोलिक गिरजाघर ज्यादा बच्चे पैदा करने को लेकर लोगों को प्रेरित कर रहा है। इसके लिए बकायदा आर्थिक मदद भी दी जा रही है।

चर्च ने पांच या अधिक बच्चों वाले परिवारों के लिए एक कल्याणकारी योजना की शुरुआत की है।

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केरल के कोट्टायम जिले के पाला में कैथोलिक चर्च ने ऐलान किया है कि पांच या अधिक बच्चों वाले परिवारों आर्थिक मदद मिलेगी।

केरल के इस चर्चा का मानना है कि, 'बच्चे भगवान की ओर से एक उपहार हैं।' चर्च के पाला बिशप मार जोसेफ कल्लारंगट द्वारा जारी पत्र में चार से अधिक बच्चों वाले परिवारों को वित्तीय और शैक्षिक सहायता सहित कई कल्याणकारी योजनाओं की सूची है।

खास बात यह है कि गिरजाघर के इस कदम को प्रदेश में समुदाय की संख्या को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर देखा जा रहा है।

1500 रुपए प्रति माह सहायता
बता दें कि सिरो-मालाबार गिरजाघर के पाला डायोसिस के फैमिली अपोस्टोलेट ने 2000 के बाद जिनकी शादी हुई और उनके पांच या अधिक बच्चे हैं, तो उन दंपति को 1,500 रुपए की मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।

गिरजाघर ने कहा कि इसके द्वारा संचालित अस्पताल में चौथे बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं को प्रसव शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा।

ईयर ऑफ द फैमिली उत्सव के तहत की घोषणा
ज्यादा बच्चों के लिए प्रेरित करने वाली इस घोषणा को गिरजाघर के ईयर ऑफ द फैमिली उत्सव के हिस्से के तौर पर किया गया है। ये जानकारी फैमिली अपोस्टलेट का नेतृत्व करने वाले फादर कुट्टियानकल ने दी।

उन्होंने कहा कि इसका मकसद खास तौर पर कोविड-19 काल के बाद बड़े परिवारों को आर्थिक सहायता मुहैया कराना है। हमें इस संबंध में जल्द ही आवेदन मिलने लगेंगे और संभवत: हम अगस्त से सहायता राशि देना भी शुरू कर देंगे।

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कोरोना काल में बड़े परिवारों को आर्थिक मदद
इस योजना की घोषणा बिशप जोसेफ कलारागंट ने एक ऑनलाइन बैठक में की है। बिशप ने कहा कि, 'यह वास्तविकता है कि केरल में ईसाई समुदाय की जसंख्या नीचे गिर रही है। हमारा वृद्धि दर कम है। योजना के पीछे यह भी कदम हो सकता है लेकिन तत्कालीन वजह महामारी काल में जरूरतों को पूरा करने में बड़े परिवारों को आ रही दिक्कतों से उन्हें कुछ राहत प्रदान करना है।'

बता दें कि आर्चबिशप मारजोसेफ पेरूमथोट्टम की ओर जारी पत्र में कहा गया था कि केरल के गठन के दौरान ईसाई राज्य का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय था लेकिन अब राज्य की कुल आबादी का 18.38 फीसदी ही हैं।
हाल के वर्षों में ईसाई समुदाय में जन्म दर घटकर 14 प्रतिशत रह गई।



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