भास्कर समूह पर शैल कंपनियों के जरिए टैक्स चोरी का आरोप
नई दिल्ली। दैनिक भास्कर समूह पर फ़र्ज़ी खर्च और शैल कंपनियों का उपयोग कर भारी कर चोरी का आरोप है। इसी कारण समूह के कार्यालयों में आयकर अधिनियम की धारा 132 के तहत तलाशी ली जा रही है। मुंबई, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, जयपुर, कोरबा, नोएडा और अहमदाबाद में फैले कार्यालयों में कुल 32 परिसरों को कवर किया गया है।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि भास्कर समूह विभिन्न क्षेत्रों में शामिल है, जिनमें प्रमुख मीडिया, बिजली, कपड़ा और रियल एस्टेट हैं, जिनका सालाना 6000 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर है। भास्कर समूह में होल्डिंग और सहायक कंपनियों की कुल संख्या 100 से अधिक है।
भास्कर समूह की प्रमुख कंपनी डीबी कॉर्प लिमिटेड है, जो दैनिक भास्कर नाम से समाचार पत्र प्रकाशित करती है। भास्कर समूह द्वारा कोयला आधारित बिजली उत्पादन व्यवसाय मेसर्स डीबी पावर लिमिटेड के नाम से किया जाता है। भास्कर समूह मूलतः 3 भाइयों सुधीर अग्रवाल, पवन अग्रवाल और गिरीश अग्रवाल द्वारा संचालित किया जाता है।
सूत्रों के अनुसार भास्कर समूह ने कर चोरी के अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपने कर्मचारियों, शेयरधारकों और निदेशकों के रूप में कई पेपर कंपनियां और फर्जी कंपनियां बनाई हैं।
भास्कर समूह द्वारा मॉरीशस स्थित विभिन्न संस्थाओं-कंपनियों के माध्यम से शेयर प्रीमियम और विदेशी निवेश के रूप में निकाले गए धन को विभिन्न व्यक्तिगत और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में निवेश किया जाता है। भास्कर समूह और अग्रवाल परिवार के अनेक सदस्यों के नाम पनामा लीक मामले में भी सामने आए हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने विस्तृत विभागीय डेटाबेस, बैंकिंग पूछताछ और अन्य विवेकपूर्ण पूछताछ का विश्लेषण करने के बाद तलाशी का निर्णय लिया है।
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