55 प्रतिशत शिक्षकों के वेतन में हुई कटौती, 37 फीसदी को तो सैलरी ही नहीं मिली
नई दिल्ली । कोरोना महामारी ने शिक्षा क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है। लॉकडाउन व प्रतिबंधों के कारण देश में कई माह से बंद निजी स्कूलों की कमाई 20-50 फीसदी तक घट गई है। 55 फीसदी स्कूलों में नए प्रवेश में कमी आई है। 55 फीसदी शिक्षकों के वेतन में कटौती हुई हैं।
मोटी फीस वसूलने वाले निजी स्कूल 37 फीसदी शिक्षकों को वेतन नहीं दे रहे हैं। यह खुलासा सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन की कोरोना के दौरान 2020-21 में 20 राज्यों में किए अध्ययन पर जारी रिपोर्ट में हुआ है। अध्ययन में अभिभावक, स्कूल प्रशासक और शिक्षकों को शामिल किया गया है।
आर्थिक संकट में शिक्षक-
लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों के करीब 55 प्रतिशत शिक्षकों के वेतन में कटौती हुई। कम फीस वाले स्कूलों ने 63 फीसदी व अधिक फीस वालों ने 37 फीसदी शिक्षकों का वेतन रोक रखा है। लाखों शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। करीब 54 फीसदी शिक्षकों के पास आय का अन्य स्रोत नहीं है। 30 फीसदी शिक्षक ट्यूशन पढ़ा रहे हैं।
70 फीसदी ने कहा-फीस में कमी नहीं-
70 फीसदी अभिभावकों ने कहा कि स्कूलों ने महामारी के बाद भी फीस में कोई कमी नहीं की है। फीस पहले जैसी ही है।
50 फीसदी अभिभावक ही स्कूलों को फीस जमा कर रहे हैं जो स्कूलों की कमाई घटने की वजह बन रहा है।
अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार अभिभावक नियमित फीस जमा नहीं कर रहे हैं। इसमें शहरी स्कूलों की संख्या ज्यादा है।
नहीं लेना चाहते कर्ज-
77 फीसदी स्कूलों का कहना है कि वे वित्तीय मदद के लिए कर्ज नहीं लेना चाहते।
05 फीसदी को अभी कर्ज की मंजूरी का इंतजार
03 फीसदी ने वित्तीय मदद के नाम पर कर्ज लिया
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