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केंद्रीय मंत्रियों समेत राहुल गांधी, प्रशांत किशोर का फोन किया गया टैप, टारगेट पर थे 300 से अधिक नंबर

नई दिल्ली। पेगासस (Pegasus) के जरिए फोन टैपिंग का मामला सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है और अब मानसून सत्र में इसे जोरशोर से उठाने की पूरी तैयारी है। इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में चौंकाने वाले अहम खुलासे किए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कई केंद्रीय मंत्रियों और उनके ओएसडी के फोन टैप किए गए हैं। साथ ही विपक्षी दलों के कई नेताओं जिनमें राहुल गांधी भी शामिल हैं, के फोन टैप किए गए।

वहीं, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, पूर्व सीजेआई, पूर्व चुनाव आयुक्त, सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी समेत कई अन्य समाजिक कार्यकर्ताओं के भी फोन टैप किए गए। रिपोर्ट में बताया गया है कि 300 से अधिक लोगों के फोन टैप किए गए हैं।

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रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी के कम से कम दो फोन टैप किए गए हैं। फोन टैप करने वाली कंपनी NSO की लिस्ट में कम से कम 300 भारतीयों के नबंर थे। इसमें केंद्रीय मंत्री, विपक्षी दल के नेता, जज, वकील, पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ता व अन्य तमाम वर्ग के लोग शामिल हैं। विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार ने पेगासस के जरिए फोन टैपिंग कराई है। हालांकि, सरकार ने सदन और सदन के बाहर भी इन सभी आरोपों को खारिज किया है। बता दें कि NSO इजरायल की वही कंपनी है, जो पेगासस (Pegasus) सॉफ्टवेयर बनाती है।

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और प्रशांत किशोर की हुई जासूसी!

रिपोर्ट में बताया गया है कि पेगासस के जरिए न सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं के फोन की टैपिंग की गई, बल्कि कई केंद्रीय मंत्रियों और उनके ओएसडी की भी निगरानी की गई। तृणमूल कांग्रेस के नेता और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का भी फोन टैप किया गया। इसके अलावे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के फोन को भी हैक किया गया। रिपोर्ट में अभिषेक बनर्जी के पर्सनल सेक्रेटरी और प्रशांत किशोर के एक करीबी का फोन टैप किए जाने की भी बात कही गई है।

केंद्रीय मंत्रियों समेत इन लोगों की भी हुई जासूसी

रिपोर्ट के मुताबिक, NSO की लिस्ट में जिन 300 भारतीयों के नंबर हैं, उनमें कई केंद्रीय मंत्री, उनके ओएसडी, पूर्व जस्टिस, पूर्व चुनाव आयुक्त आदि के नाम शामिल हैं। इनमें वर्तमान में केंद्रीय आईटी और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw), जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel), पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (Ashok Lavasa) का नाम सबसे महत्वपूर्ण है। अशोक लवासा के उस नबंर को ट्रैक किया गया जो कि वे 2019 में इस्तेमाल करते थे।

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इनके अलावा NSO की लिस्ट में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) के पीएस का नंबर भी शामलि है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के ओएसडी संजय काचरू के फोन की भी निगरानी की गई। साथ ही विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का नंबर भी टैप किया गया है।

फोन टैपिंग के इस लिस्ट में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के फाउंडर जगदीप छोखर, देश की टॉप वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग (Gagandeep Kang), बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के इंडिया हेड हरी मेनन और एक कर्मचारी का नंबर भी शामिल है।

गृहमंत्री अमित शाह ने आरोपों को किया खारिज

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पेगासस के जरिए फोन टैपिंग किए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए जवाब दिया है। उन्होंने पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और मंत्रियों के फोन हैक करने के लिए भारत द्वारा इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का उपयोग करने की रिपोर्टों की क्रोनोलॉजी समझाई है। अमित शाह ने कहा "लोगों ने अक्सर मेरे साथ इस वाक्यांश (आप क्रोनोलॉजी समझिए) को हल्के-फुल्के अंदाज में जोड़ा है, लेकिन आज मैं गंभीरता से इसकी क्रोनोलॉजी समझाना चाहता हूं।''

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अमित शाह ने कहा, ''इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में ये व्यवधान, इसे जोड़कर देखने की आवश्यक्ता है। यह एक विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करता है। ये अवरोधक भारत में राजनीतिक खिलाड़ी हैं जो नहीं चाहते कि भारत प्रगति करे। भारत के लोग इस घटना और संबंध को समझने में बहुत परिपक्व हैं। कल देर शाम हमने एक रिपोर्ट देखी, जिसे केवल एक ही उद्देश्य के साथ कुछ वर्गों द्वारा शेयर किया गया है।''



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