Header Ads

राम मंदिर जमीन खरीद में घोटाले का आरोप : ट्रस्ट ने केंद्र और RSS को भेजी रिपोर्ट, बताया सियासी साजिश

नई दिल्ली। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से जुड़ी जमीन की खरीद में घोटाले के आरोपों लगने के बाद राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने एक बयान जारी किया है। ट्रस्ट ने इस पूरे विवाद पर केंद्र सरकार और आरएसएस को समझौते के विवरण पर विस्तार से सामने रखा है। ट्रस्ट ने अपने बयान में कहा कि सौदे में नौ व्यक्ति शामिल है और समझौते को पारदर्शी तरीके से पूरा करने के लिए उनकी सहमति से बातचीत की गई। ट्रस्ट ने कहा है कि सभी वित्तीय सौदे बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किए जाएंगे और लेनदेन का पूरा रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। सभी आरोपों को ट्रस्ट ने विपक्षी पार्टियों की साजिश बताया है।

डील में 3 मुस्लिम सहित 9 लोग शामिल
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जमीन खरीद को लेकर कुछ फैक्ट जारी किए है। ट्रस्ट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में संबंधित जमीन के आसपास की जमीन की वर्तमान कीमतों की भी जानकारी दी गई है। इसके साथ ही सौदे की एक एक जानकारी दी गई है। न्यास इस जमीन को खरीदने के इच्छुक था। इस डील में पिछले 10 साल से करब 9 लोग शामिल है। इनमें से 3 मुस्लिम है। सभी लोगों से बातचीत की गई और उनकी सहमति मिलने के बाद समझौता तय किया। बयान में कहा गया है कि जमीन के अंतिम मालिकों के साथ समझौता पारदर्शी तरीके से किया गया था।


यह भी पढ़ें :— गुड न्यूज: बिना टेस्ट दिए बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, अब नहीं लगाने पड़ेंगे आरटीओ के चक्कर

समझौतों को विस्तार से किया रेखांकित
अपनी रिपोर्ट में ट्रस्ट ने आगे कहा कि उसने पहले ही मंदिरों और आश्रमों सहित 3 से 4 भूखंड खरीदे हैं। प्रत्येक खरीदे गए मंदिर/आश्रम/निजी संपत्ति के बदले पुनर्वास और उनके भवनों के निर्माण के लिए उनकी अपनी पसंद की भूमि का एक हिस्सा और पर्याप्त धन उनको दिया जाना है। भूमि सौदे पर हुए समझौतों को विस्तार से रेखांकित करते हुए ट्रस्ट ने कहा कि 18 मार्च को रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने 243, 244 और 246 नंबर के साथ पंजीकृत भूमि को 2 करोड़ रुपये की राशि से खरीदा था, जिसका सर्किल रेट पर वैल्यूएशन 5.80 करोड़ और स्टैम्प पर 5.80 करोड़ रुपये है।

 

यह भी पढ़ें :— दिग्विजय सिंह बोले— सत्ता में आए तो कश्मीर में आर्टिकल 370 का फैसला पलटेंगे, भाजपा ने कहा- यही तो चाहता है पाकिस्तान

सौदा का ऑनलाइन लेनदेन
ट्रस्ट ने बयान में कहा गया है कि तिवारी और अंसारी ने उसी दिन इस जमीन को राम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेचने का समझौता किया था। इसका प्रतिफल राशि 18.50 करोड़ तय हुआ था। इसमें से 17 करोड़ रुपये ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से अग्रिम तौर पर दे दिया गया था।

कई पार्टियों ने लगाए आरोप
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आरोप लगाया गया है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंदिर के लिए साढ़े 18 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी है। इस जमीन की कीमत सिर्फ 10 मिनट पहले 2 करोड़ रुपये थी, ऐसे में विपक्षी दलों का आरोप है कि जमीन खरीद में घोटाला हुआ। पार्टियों ने इसे करोड़ों लोगों की आस्था से धोखा करार दिया है, जांच की मांग की है और ट्रस्ट के सदस्यों से इस्तीफा मांगा है। सभी आरोपों को ट्रस्ट ने विपक्षी पार्टियों की साजिश बताया है। मामले के तूल पकड़ने से सरकार और भाजपा सतर्क है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.