Header Ads

गुड न्यूज: बिना टेस्ट दिए बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, अब नहीं लगाने पड़ेंगे आरटीओ के ​चक्कर

नई दिल्ली। ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवाने वालों के लिए राहत भरी खबर है। अगले महीने से ड्राइविंग से जुड़े नियम में बड़ा बदलाव हो रहा है। नए नियम में ड्राइविंग लाइसेंस अब आपको आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। इस नए बदलाव के बाद लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको आईटीओ के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सड़क परिवहन मंत्रालय से मान्‍यता प्राप्‍त ड्राइविंग टेस्‍ट सेंटर से ट्रेनिंग लेने के बाद सेंटर से एक सर्टिफिकेट मिलेगा। इसके आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय टेस्‍ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


बिना टेस्ट दिए ऐसे बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस
सड़क परिवहन मंत्रालय ने लर्निंग लाइसेंस बनवाने के संबंध में नय आदेश जारी कर दिए हैं। 1 जुलाई, 2021 से यह नियम लाूग हो जाएंगे। नए नियम के अनुसार, अगले महीने से ड्राइविंग लाइसेंस का अप्लाई करने वाले को मान्यता प्राप्त ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स से प्रशिक्षण लेना होगा। ड्राइवरों को ऐसे मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद टेस्‍ट लिया जाएगा। टेस्‍ट पास करने वालों को सेंटर सर्टिफिकेट देगा। जिसके आधार पर बगैर टेस्‍ट दिए ड्राइविंग लाइसेंस बन सकेगा।

यह भी पढ़ें :— एक्सपर्ट ने वैक्सीनेशन के हालात पर जताई चिंता, कहा- समय रहते नहीं सुधरे तो भयानक होगी तीसरी लहर!

देश में 22 लाख ड्राइवरों की कमी
सड़क परिवहन मंत्रालय का कहना है कि हर साल देश में होने वाले हादसों का एक कारण ट्रेंड ड्राइवरों की कमी होना है। मंत्रालय के अनुसार मौजूदा समय देश में करीब 22 लाख ड्राइवरों की कमी है। इस कमी को पूरा करने और सड़क हादसों को कम करने के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने तय गाइडलाइन के अनुसार देशभर में ड्राइवर टेनिंग सेंटर खोलने की अनुमति दे दी है।

यह भी पढ़ें :— तीसरी लहर से पहले खुशखबरी: इस महीने आ सकती है बच्चों की स्वदेशी वैक्सीन, टीके के तीसरे चरण का परीक्षण पूरा

ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स की खासियतें-
उम्मीदवारों को हाई क्वालिटी ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र सिमुलेटर और खास ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक से युक्त होगा। इन सेंटर्स पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत आवश्यकताओं के अनुसार रेमिडियल और रिफ्रेशर कोर्स का लाभ उठाया जा सकता है। सेंटर में पार्किंग, रिवर्स ड्राइविंग, ढलान, ड्राइविंग आदि ट्रेनिंग देने के लिए ड्राइविंग ट्रैक अनिवार्य होगा। इसमें थ्‍योरी और सेंगमेंट कोर्स होंगे। सेंटर में सिम्‍युलेटर की मदद से हाईवे, ग्रामीण इलाके, भीड़भाड़ और लेन में चलने वाली जगहों पर बरसात, कोहरा और रात में वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.