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तीसरी लहर से पहले खुशखबरी: इस महीने आ सकती है बच्चों की स्वदेशी वैक्सीन

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में महामारी कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना की दूसरी लहर ने देश में काफी तबाही मचा रही है। हालांकि अब यह धीरे-धीरे धीमी पड़ रही है। अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि यह बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी। इसी बीच राहत की खबर आ रही है कि बच्चों के लिए जल्द वैक्सीन उपलब्ध करने की तैयारी हो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी महीने देश के बच्चों को वैक्सीन मिल जाएगी। सरकार के मुताबिक, जायडस कैडिला के टीके को जल्द मंजूरी दी जा सकती है। जिसके परीक्षण 12-18 साल की आयु के बच्चों पर भी हुए हैं। अगले चरण में कैडिला 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर परीक्षण करेगी।

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दो हफ्ते में मिल सकती है मंजूरी
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अभी कोवैक्सीन के बच्चों पर परीक्षण शुरू हुए हैं। इसको पूरा होने में अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। जायडस कैडिला के टीके के परीक्षण बच्चों पर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो सप्ताह में वह लाइसेंस के लिए आ सकती है। उन्होंने कहा कि कंपनी दो हफ्ते के भीतर इसके इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन भी कर सकती है। कोरोना संक्रमण पर गठित विषय विशेषज्ञ समिति यानी एसईसी तीसरे चरण के परीक्षण के डाटा का विश्लेषण करेगी। सबकुछ सही पाए जाने पर समिति कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी की तरह इसे भी भी इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति देने की सिफारिश कर सकती है।

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30 करोड़ डोज की होगी जरूरत
एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में 12-18 साल के बच्चों की आबादी लगभग 14-15 करोड़ के बीच बताई जा रही है। इनके टीकाकरण के लिए वैक्सीन की 28-30 करोड़ डोज की जरूरत होगी। अगर फाइजर और अन्य विदेशी कंपनियों से बच्चों की वैक्सीन आयात भी की जाती है तो कोई भी कंपनी इतनी ज्यादा मात्रा में डोज उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं होगी, इसलिए स्वदेशी वैक्सीन के सहारे ही बच्चों के टीकाकरण की रणनीति तैयार करनी होगी।


परीक्षण में 800 बच्चे भी शामिल
जायडस कैडिला की वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण पूरा हो गया है। इसके परीक्षण में करीब 800 बच्चे भी शामिल हैं। इन सभी बच्चों की उम्र 12 से 18 साल के बीच है। इसलिए इस टीके को 12-18 साल के आयु वर्ग के बच्चों के लिए भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है। कैडिला की हर महीने 1 से 2 करोड़ टीका तैयार करने की क्षमता है। उसने कहा है कि वह अगले छह महीनों में बढ़ाकर इसे 2.5 से 3 करोड़ तक दिया जाएगा।

 



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