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मैसूर नगर निगम प्रमुख ने दिया इस्तीफा, डिप्टी कमिश्नर रोहिणी सिंधुरी पर लगाए 'उत्पीड़न' के आरोप

नई दिल्ली। कर्नाटक में मैसूर में पिछले कुछ दिनों से नगर निगम कमिश्नर शिल्पा नाग और जिला कलेक्टर (डीसी) डीसी रोहिणी सिंंधुरी के बीच ठीक नहीं चल रहा था। नगर निगम की आयुक्त शिल्पा नाग ने (डीसी) रोहिणी सिंधुरी के रवैये से परेशानी होकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शिल्पा नाग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और मीडियाकर्मियों के सामने अपने इस्तीफे का ऐलान किया। इसके साथ ही डीसी रोहिणी सिंधुरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनको काम नहीं करने दे रही है। शिल्पा ने पहले भी उनपर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। शिल्पा नाग जहां 2014 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, वहीं रोहिणी सिंधुरी 2009 बैच की हैं। आयुक्त शिल्पा के इस्तीफे के बाद प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है।

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कमिश्नर शिल्पा नाग का बयान
नगर निगम कमिश्नर शिल्पा नाग ने डीसी रोहिणी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जिला प्रशासन और डीसी रोहिणी सिंधुरी से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। एक आईएएस अफसर होने के नाते डीसी रोहिणी एक अन्य अधिकारी पर अत्याचार कर रही हैं। उनका यह रवैया बिल्कुल गलत है और वह हमेशा मुझे निशाना बना रही है। वह बहुत ही घटिया मानसिकता की अधिकारी हैं। उन्हें मैसूर में नहीं होना चाहिए। मुझे नहीं पता कि वह मुझसे नफरत क्यों करती हैं। मैं इस्तीफा देकर एक अलग जिंदगी जीना चाहती हूं।

इस्तीफे पर पुनर्विचार के लिए मनाएंगे
मैसूर जिले के प्रभारी मंत्री एसटी सोमशेखर का कहना है कि शिल्पा नाग का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा। वह शुक्रवार को मैसूर जाकर उनसे बात करेंगे और अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहेंगे। शिल्पा बढ़िया काम कर रही है। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और मुख्य सचिव से बात करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव पी रवि कुमार के भी शुक्रवार को मैसूर का दौरा करने की संभावना है।

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रोहिणी सिंधुरी ने खारिज किया दावा
आयुक्त नाग के आरोपों पर डीसी रोहिणी सिंधुरी ने एक प्रेस नोट जारी कर अपनी सफाई दी है। रोहिणी ने कहा कि मुझ पर लगाया गया उत्पीड़न का आरोप लगत है। शिल्पा नाग द्वारा जारी बयान में भी किसी का उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अधोहस्ताक्षरी उपायुक्त होने के नाते और कोविड-19 से निपटने के बीच महामारी को नियंत्रित करने का कर्तव्य है, मेरा सारा ध्यान और कार्य केवल उक्त जिम्मेदारी का निर्वहन करने पर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने शिल्पा पर आरोप लगाया कि उन्होंने अचानक कोविड-19 समीक्षाओं में भाग लेना बंद कर दिया। मैसूर नगर निगम नए मामलों, मौतों और सक्रिय मामलों पर अहस्ताक्षरित और विरोधाभासी आंकड़े जमा कर रहा था।



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