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दिल्ली के व्यापारियों ने ऑड-ईवन व्यवस्था का किया विरोध, कहा-जल्द बाजारों को खोला जाए

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना महामारी के मामलों को काबू में लाने के लिए यहां पर करीब डेढ़ माह से लॉकडाउन लगा हुआ है। बाजार पूरी तरह से बंद पड़े हैं। केवल जरूरी सामानों से जुड़ी दुकानें खोली जा रही हैं। बाजार बंद होने की वजह से सबसे ज्यादा असर कारोबार पर पड़ा है। कारोबारी चाहते हैं कि अब दिल्ली के बाजारों को दोबारा से खोला जाए।

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बाजारों को जल्द खोला जाना बेहद जरूरी

दिल्ली में कोरोना मामले कम होते जा रहे हैं। ऐसे में व्यापारी वर्ग चाहता है कि बाजारों को खोला जाना चाहिए। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिल्ली के उपराजयपाल अनिल बैजल और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गुरूवार एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कोरोना महामारी के बेहद तेजी से गिरते आंकड़ों को देखते हुए अब दिल्ली के बाजारों को जल्द खोला जाना जरूरी है।

व्यापारी गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे

कैट के अनुसार एक महीने से अधिक समय से दिल्ली में लॉकडाउन की वजह दुकान एवं बाजार बंद पड़े हैं। इससे व्यापारियों पर बुरा असर पड़ा है। वे गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। कैट का कहना है कि ऐसे हालात को देखते हुए तुरंत या 7 जून से दिल्ली के बाजारों को चरणबद्ध तरह से खोला जाए। दिल्ली में करीब 15 लाख व्यापारी हैं, ये लगभग 40 लाख लोगों को रोजगार देते हैं।

व्यापारिक चरित्र के अनुकूल नहीं

कैट ने दिल्ली सरकार से आग्रह किया है कि इस दौरान ऑड-ईवन की व्यवस्था को लागू न किया जाए, क्योंकि ये व्यापारिक चरित्र के अनुकूल नहीं है। संगठन का तर्क है कि दिल्ली में एक व्यापारी माल की आपूर्ति के लिए दुसरे व्यापारी पर निर्भर है, ऐसे में ऑड-ईवन व्यवस्था से दिल्ली के व्यापार पर गलत असर होगा।

कोरोना के मामले बेहद कम

कैट का कहना है कि हाल ही में दिल्ली के व्यापारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई बैठक में सभी ने एक ही स्वर से कहा की इस समय दिल्ली में कोरोना के मामले लगभग 500 प्रतिदिन हो चुके हैं। वहीं संक्रमण दर एक प्रतिशत रह गई है। ऐसे में अब दिल्ली में व्यापार को दोबारा से शुरू करना जरूरी है।

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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि दिल्ली में रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाया जाए। वहीं माल की आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए समय सीमा तय की जाए।

रेहड़ी पटरी वालों को खुली जगह मिले

कैट की तरफ से दिल्ली के विभिन्न बाज़ारों में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों का जिक्र किया है। कैट की तरफ से मांग की गई कि भारत सरकार की नेशनल अर्बन स्ट्रीट वेंडर पालिसी के तहत हाकिंग जोन अथवा बाजार के निकट स्कूल,कॉलेज एवं खाली पड़े परिसरों में रेहड़ी पटरी वालों को अपना माल बेचने की अनुमति दी जाए।



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