मुसीबत: कोरोना से ठीक हो चुके कई मरीजों के नाखूनों में आ रही दिक्कत, विशेषज्ञों ने नाम दिया कोविड नेल्स
नई दिल्ली।
भारत में करीब डेढ़ साल पहले जब कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण शुरू हुआ, तब से अब तक बहुत से ऐसे सवाल पैदा हो गए हैं, जिनका जवाब विशेषज्ञ नहीं तलाश पा रहे। सबसे पहले, तो वायरस का स्वरूप भी इतनी तेजी से बदल रहा है कि मरीजों में उसके लक्षण समझने में काफी मुश्किल हो रही है। इनमें न्यूरो, आंख, नाक, स्वाद को लेकर जीभ और पेट से जुड़ी समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं। हाल ही में एक नई परेशानी और सामने आई है और वह नाखूनों से जुड़ी है।
नाखूनों से पता लगती है व्यक्ति की सेहत
विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे लोग जो कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं, उनके नाखून या तो कमजोर होकर जड़ से उखड़ रहे हैं या फिर उनकी चमक खत्म हो रही है, यानी अब नाखून पूरी तरह स्वस्थ्य नहीं रह पाते। दरअसल, व्यक्ति स्वस्थ्य है या नहीं, यह उसके नाखूनों से भी पता लग जाता है। यदि नाखूनों में पीलापन है, तो संबंधित व्यक्ति को पीलिया की आशंका रहती है। नाखून अगर सफेद पड़ रहा है, तो खून की कमी यानी एनिमिया की आशंका होती है। अब विशेषज्ञ नाखून देखकर कोरोना से ठीक होने के बाद व्यक्ति की सेहत कैसी है, इसका अनुमान भी लगा रहे हैं।
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नाखूनों का रंग बदल रहा, धब्बे पड़ रहे
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई लोग नाखूनों से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं। यह समस्या महीनों तक रह सकती है। इसमें कमजोरी, नींद की शिकायत, नाखूनों का रंग बदलना, उनमें धब्बे पडऩा और ऊपरी परत का खुरदुरा होना भी शामिल है।
रक्त कोशिकाओं को हो रहा नुकसान
नाखूनों से जुड़ी समस्या पर विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोरोना निगेटिव हुए व्यक्ति के नाखून में नीचे से हल्के लाल या गुलाबी रंग का आकार बनता है, जो अद्र्धचंद्रमा जैसा होता है, तो इसे रेड हॉफ मून पैटर्न कहते हैं। वैसे, इस बात का अभी पता नहीं चल सका है कि ये लक्षण आखिर कुछ मरीजों में ही क्यों दिख रहे हैं। वैसे, विशेषज्ञों का अनुमान है कि नाखूनों में रेड हॉफ मून बनना इस बात का संकेत भी हो सकता है कि कोरोना संक्रमण के दौरान व्यक्ति की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना वायरस शरीर के तमाम अंगों की तरह रक्त कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचा रही हैं।
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कोरोना से ठीक हो चुके कुछ लोग जब नाखून से जुड़ी समस्या लेकर डॉक्टरों के पास पहुंचे तो उनकी शिकायत है कि नाखूनों पर टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं उभर रही हैं। इसके अलावा, कुछ मरीज जड़ से नाखूनों के उखडऩे या फिर उसकी परत कमजोर होने की शिकायत लेकर भी डॉक्टरों के पास आ रहे हैं। डॉक्टर यह नहीं समझ पा रहे कि ये परेशानियां किस वजह से हो रही है। क्या यह दवाओं का असर है या फिर वायरस के रक्त कोशिकाओं और इससे जुड़े सिस्टम पर असर डाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि नाखूनों पर रेखाओं का उभरना कोरोना से ठीक होने के करीब एक महीने बाद दिखाई देता है। यह लक्षण संभवत: वायरस की वजह से शरीर में आई कमजोरी या खानपान की वजह से हो सकता है। यह कुछ समय बाद बेहतर खानपान और स्वस्थ्य होने पर ठीक हो सकता है।
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