सरकार ने कोरोना से मौतों की संख्या सात गुना ज्यादा होने के दावे को नकारा, गिनाए ये कारण

नई दिल्ली। देश में महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। पिछले कुछ दिनों में कोरोना के नए मामलों की भारी गिरावट दर्ज की गई है। अब तक कोरोना ने करोड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है और इससे लाखों लोगों की मौत हो गई है। हाल ही में खबर में दावा किया जा था कि देश में कोरोना से मरने वालों संख्या आधिकारिक आंकड़ों से पांच से सात गुना ज्यादा है। वहीं भारत सरकार ने इन खबरों को खारिज कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि यह आकलन केवल कयासों पर आधारित है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कई कारण गिनाए जिनकी वजह से जिस अध्ययन का इस्तेमाल प्रकाशक द्वारा किया गया उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।
बिना सबूतों के आकलन कयास
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह अनुचित विश्लेषण महामारी विज्ञान के सबूतों के बिना केवल आंकड़ों के आकलन पर आधारित है। खबर में जिस अध्ययन का इस्तेमाल मौतों का अनुमान लगाने के लिए किया गया है वह किसी भी देश या क्षेत्र की मृत्युदर का पता लगाने के लिए विधिमान्य तरीका नहीं है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कई कारण गिनाए जिनकी वजह से जिस अध्ययन का इस्तेमाल प्रकाशक द्वारा किया गया उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक डाटाबेस जैसे पबमेड, रिसर्च गेट आदि में इंटरनेट पर इस अनुसंधान पत्र की तलाश की गई लेकिन यह नहीं मिला, अध्ययन करने के तरीके की जानकारी भी बताई गई है।
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मौतों को सही तरीके से दर्ज करने के लिए आईसीडी-10 कोड
मंत्रालय ने कहा कि सभी मौतों को सही तरीके से दर्ज करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आईसीडी-10 कोड की अनुशंसा की है जिसका अनुपालन किया गया। आगे कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से औपचारिक संवाद, कई बार वीडियो कांफ्रेंस और केंद्रीय टीमों को तैनात कर निर्धारित दिशानिर्देशों के आधार पर मौतों को दर्ज करने को कहा गया। मंत्रालय ने कहा कि उसने दैनिक आधार पर जिलेवार संक्रमण और मौतों के मामलों को दर्ज करने की व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया।
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शनिवार तक 3,67,081 लोगों की मौत
मंत्रालय ने बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी जैसे लंबे जन स्वास्थ्य संकट के दौरान दर्ज मौतों के आंकड़ों में अंतर हो सकता है और अधिक मौतों पर उचित अनुसंधान आध्ययन किया जाता है। सामान्यत: यह घटना होने के बाद किया जाता है जब मौतों का आंकड़ा विश्वसनीय स्रोतों से उपलब्ध होता है। ऐसे अध्ययनों की पद्धति तय है और आंकड़ों के स्रोत परिभाषित हैं। एक अलग बयान में मंत्रालय ने दैनिक आधार पर इकट्ठा किए आंकड़ों के हवाले से बताया कि देश में शनिवार तक संक्रमण के 2,93,59,155 मामले आए हैं जिनमें से 3,67,081 लोगों की मौत हुई है।
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