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कोरोना पॉजिटिव पेरेंट्स ने 6 साल के मासूम को रखा अलग कमरे में, पीएम मोदी ने की जमकर तारीफ

नई दिल्ली। पूरा देश महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है। कोरोना काल के दौरान कई लोग अपने परिवार से दूरी बनाने के लिए मजबूर हो गए। कोविड संक्रमित होने के बाद परिवार से खुद को अलग रखा। इसी कड़ी में आज आपको एक ऐसी माता-पिता के बारे में बताने जा रहे है, जो अपने 6 साल के बच्चें को अलग कमरे में रखा। प्रधानमंत्री को खत लिखककर बच्चे की मां पूजा ने आपबीती सुनाई, पूजा ने एक कविता के जरिए अपना दर्द बयां किया कि कैसे उन्हें अपने बच्चे से दूर रहना पड़ा। पीएम मोदी ने छह साल के जिगर के टुकड़े को खुद से दूर रखने वाली मां के साहस और सकारात्मक सोच की जमकर तारीफ की है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस परिवार को एक चिट्ठी लिख कर अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है।


पीएम मोदी ने की प्रशंसा
प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पत्र लिखा और परिवार का हाल पूछा। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि कठिन परिस्थितियों में भी, आपने और आपके परिवार ने साहस के साथ कोविड-अनुपालन व्यवहार अपनाकर इस बीमारी से लड़ाई लड़ी। उन्होंने लिखा कि शास्त्रों ने हमें सिखाया है कि विपरीत परिस्थितियों में संयम नहीं खोना है और हिम्मत बनाए रखनी है। महिला की कविता की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि यह उस मां की चिंता को व्यक्त करती है जब वह अपने बच्चे दूर होती है।

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कविता के जरिए बयां किया अपना दर्द
गाजियाबाद के सेक्टर 6 में रहने वाली पूजा वर्मा और उनके पति गगन कौशिक एक साथ कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। पूजा, उनके पति और छह साल का बेटा तीन कमरे के एक घर में रहते हैं। अप्रैल में कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद दंपती ने एक कड़ा फैसला लिया और तय किया कि तीनों अलग अलग कमरों में रहेंगे। छह साल के बच्ची की मां के लिए ऐसा करना आसान नहीं था। इस दौरान बच्चा अपने माता—पिता के प्यार के लिए तरस रहा था। उस मासूम को क्या पता कि कोरोना के कारण उनके माता— पिता ने अपने लाड़ले से दूरी बना ली। पूजा ने बताया कि बच्चा सोचता रहा कि उसने क्या गलत किया है जिसके लिए मां और बाप दोनों से अलग एक कमरे में रहना पड़ा रहा है।


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मासूम दरवाजे, बालकनी से मां को निहारता
पूजा और उनके पति गगन दोनों पेशे से इंजीनियर हैं। कोरोना संक्रमित होने के बार दोनों होम आइसोलेशन में चले गए। अपने 6 साल के मासूम को इस बीमारी से बचाने के लिए एक अलग कमरे में रखा। इस दौरान बेटे के लिए गगन ने बाहर होटल से खाना आर्डर करते थे। इस दौरान 6 साल अक्ष अपना पूरा काम खुद करने लगा। एक मां सब कुछ देखती रहती थी। लेकिन बेबस मां अपने बच्चे की मदद नही करती थी। अक्ष बार बार दिन गिनता, एक घर में रहने के बाद बावजूद वह अपनी मां से नहीं मिल पाता था। एक घर में रहने के बाद वीडियो कॉल के जरिए ही बात कर पाता था। किसी ना किसी बहाने से मां को बुलाता रहता था। काफी दरवाजे से झांकता, तो कभी बालकनी से अपनी मां को देखता रहता था।



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