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दिल्ली एम्स मंगलवार से 6-12 वर्ष के बच्चों पर शुरू करेगा कोवैक्सिन का ट्रायल

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार अब धीमी पड़ चुकी है, लेकिन हर दिन एक लाख के करीब नए मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। तो वहीं हजारों लोगों की मौत भी हो रही है। ऐसे में विशेषज्ञ तीसरी लहर की संभावना जता रहे हैं और मान रहे हैं तीसरी लहर का असर सबसे अधिक बच्चों पर पड़ सकता है।

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लिहाजा, तीसरी लहर के आने की संभावनाओं के बीच सरकार देश में तेजी के साथ टीकाकरण के दायरे को बढ़ाने पर काम कर रही है। इसी कड़ी में बच्चों को टीका लगाने को लेकर लगातार ट्रायल किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली एम्स मंगलवार (15 जून) से 6 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू करने वाली है। इस आयु वर्ग के बच्चों पर भारत बायोटैक द्वारा निर्मित स्वदेशी टीका कोवैक्सिन का ट्रायल किया जाएगा।

12 -18 साल के आयु वर्ग का ट्रायल पूरा

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 12 से 18 साल की उम्र वालों में कोवैक्सिन का क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। उन्हें वैक्सीन की सिंगल डोज दी गई है। शनिवार तक जिन बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है वो अब तक पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉक्टरों की टीम उनकी लगातार मॉनिटरिंग कर रही है।

अब 6-12 साल के बच्चों की भर्ती के बाद एम्स दिल्ली 2-6 साल के आयु वर्ग के लिए परीक्षण करेगा। यह ट्रायल्स देशभर के 525 केंद्रों पर होंगे। एम्स पटना, मैसूर मेडिकल कॉलेज और कर्नाटक में रीसर्च इंस्टीट्यूट को भी बच्चों पर क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए चुना गया है।

एम्स पटना के निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने कहा "हमने 6-12 साल की उम्र के बच्चों के लिए भर्ती शुरू कर दी है। 12-18 साल की उम्र के बच्चों पर क्लिनिकल ट्रेल्स के लिए भर्ती खत्म हो गई है। उन्हें निगरानी में रखा जाएगा।"



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