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विपक्ष के वैक्सीन वितरण के आरोपों पर सरकार का जवाब, राज्यों को अब तक दी गई 23 करोड़ डोज

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी के खात्मे को लेकर तेजी से टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार पर वैक्सीन आपूर्ति में पक्षपात का आरोप लगाया है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर सवाल खड़े कर रही है और राज्यों को उसकी मांग के अनुरूप वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप भी लगा रही है। हालांकि केंद्र सरकार विपक्ष के आरोपों को खारिज करती आ रही है।

अब केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को एक आंकड़ा जारी किया है और बताया है कि राज्यों को अब तक कितनी वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है। केंद्र की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को अब तक 23 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक प्रदान की जा चुकी है, जबकि 1.64 करोड़ खुराक अभी भी उपलब्ध हैं।

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मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, भारत सरकार ने अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड टीके की 23 करोड़ से अधिक खुराक (23,35,86,960) मुफ्त श्रेणी और राज्यों द्वारा सीधी खरीद की श्रेणी के माध्यम से प्रदान की है।

मंत्रालय ने कहा कि इसमें से कुल खपत (अपव्यय सहित) 21,71,44,022 खुराक (आज सुबह आठ बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) है। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी टीके की 1.64 करोड़ से ज्यादा (1,64,42,938) खुराक उपलब्ध हैं, जिन्हें दिया जाना बाकी है।

केंद्र सरकार राज्यों को निःशुल्क दे रही है टीका

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निशुल्क कोविड टीके उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रही है। साथ ही भारत सरकार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी प्रदान कर रही है। जांच, बीमारी का पता लगाने, उपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए टीकाकरण भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है।

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कोविड-19 टीकाकरण की तीसरे चरण की उदारीकृत और त्वरित रणनीति का कार्यान्वयन एक मई 2021 से शुरू हो गया है। रणनीति के तहत, हर महीने केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा मंजूरी प्राप्त किसी भी प्रोड्यूसर के टीकों की 50 प्रतिशत खुराक भारत सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। भारत सरकार ये खुराक राज्य सरकारों को पूरी तरह से निशुल्क उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसा कि पहले किया जा रहा था।



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