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एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के मुख्य खोजकर्ता ने दावा, कोविशील्ड की दो डोज में 12 से 16 हफ्ते का अंतराल सही

नई दिल्ली। कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोविशील्ड की दो डोज के बीच 12 से 16 सप्ताह के अंतराल को सही बताया है। एस्ट्राजेनेका टीके के क्लीनिकल परीक्षण के मुख्य जांचकर्ता ने को कहा कि एक खुराक द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षा का स्तर टीका लगवाने के बाद दूसरे और तीसरे महीने में काफी बढ़ जाता है। पिछले कुछ दिनों से कोविशील्ड की दो डोज में 3 माह के अंतराल को लेकर कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे है। इस खबरों के बीच एस्ट्राजेनेका ने दो डोज के बीच 12 से 16 हफ्ते अंतराल का समर्थन किया है।

ब्रिटेन और भारत की टीकाकरण नीति की तुलना नहीं करनी चाहिए
टीकाकरण की नीति को लेकर आक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के निदेशक और प्रमुख विज्ञानी प्रोफेसर एंड्र्यू पोलार्ड ने कहा कि ब्रिटेन और भारत की टीकाकरण नीति की तुलना नहीं करनी चाहिए। दोनों देशों में टीकाकारण की योजनाएं बिल्कुल अलग अलग है। भारत के मौजूदा हालात के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीके की कम से कम एक डोज देने की नीति बताया है। भारत में लगाई जा रही कोविश्लीड वैक्सीन एस्ट्राजेनेका और आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ही विकसित की है।

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तेजी से फैल रहा है डेल्टा वैरिएंट
पोलार्ड ने कहा कि एक टीकाकरण नीति का लक्ष्य जल्द से जल्द अधिक संख्या में लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक देना होता है जो भारत में वर्तमान परिस्थितियों में समझ में आता है। भारत में ज्यादातर लोगों को टीके की एक डोज भी नहीं लगी है, जब डेल्टा वैरिएंट तेजी से फैल रहा है।

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डोज के अंतराल की समीक्षा की जाएगी
कोविशील्ड खुराकों के बीच अंतराल के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआइ) के कोरोना संबंधी कार्यसमूह के प्रमुख डा. एनके अरोड़ा ने कहा है कि भारत कोविशील्ड टीके की डोज के अंतराल की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही सामने आ रहे नए आंकड़ों के आधार पर उचित कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि आंशिक टीकाकरण बनाम पूर्ण टीकाकरण के प्रभाव के बारे में आ रही रिपोर्ट पर विचार किया जा रहा है।



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