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Patrika Positive News: कोविड मरीजों के इलाज के लिए अमरीका छोड़ आए अमृतसर, डॉक्टर ने पेश की मिसाल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की दूसरी लहर ने देशभर में कोहराम मचा रखा है। कई राज्यों में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए कई कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं इस संकट की घड़ी में देवदूत बनकर सामने आए हैं।

अपने जान की परवाह किए बगैर कोरोना मरीजों को इलाज से लेकर उनके खाने-पीने तक हर चीज का ध्यान रख रहे हैं। पत्रिका अपने अभियान पत्रिका पॉजिटिव न्यूज ( Patrika Positive News ) में आपको ऐसे ही देवदूतों से रूबरू करवा रहा है, जिन्होंने कोरोना काल में पेश की है इंसानियत का मिसाल।

एक ऐसे ही शख्स हैं डॉ हरमनदीप सिंह बोपाराय जो देश में कोरोना संकट बढ़ने के बाद अमरीका छोड़ भारत आ गए और अमृतसर में करने लगे कोविड मरीजों का इलाज।

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कोविड वायरस संक्रमण के दूसरे दौर में पूरे देश में मची तबाही,दवाओं की किल्लत, अस्पताल में बेड और डॉक्टरों की कमी ने कई राज्यों में चिंता बढ़ा दी है। अपने देश में कोरोना काल में बढ़ती मुश्किलों ने सात समंदर पार अमरीका में बैठे एक भारतीय डॉक्टर को हिला कर रख दिया।

इन डॉक्टर का नाम है डॉ. हरमनदीप बोपाराय, जो न्यूयॉर्क में रह कर अपनी सेवाएं दे रहे थे। लेकिन जब देश में कोरोना का संकट गहराया तो डॉ. हरमनदीप ने भारत लौटने का फैसला किया।

अमृतसर में जन्मे और न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में डॉक्टर की भूमिका निभा रहे हैं डॉ हरमनदीप सिंह बोपाराय देश की अनकही पुकार को सुनकर देशवासियों की सेवा करने के लिए फिलहाल भारत लौट आए हैं।

न्यूयॉर्क के अस्पताल में भी डॉक्टर हरमनदीप कोविड संक्रमितों का ही इलाज कर रहे थे और फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर काम कर रहे थे।

भारत में कोविड संक्रमण के दूसरी लहर की खबरों उन्हें भावुक कर दिया। वे खबरों को सुनकर बेचैन होने लगे।
उन्हें लगता था कि उनकी मेडिकल की पढ़ाई उनके देश के लिए काम नहीं आ रही है, जबकि इस समय देश में डॉक्टरों की अत्यधिक जरूरत है। बस फिर क्या था उन्होंने संकट की इस घड़ी में देश की पुकार सुनी और चले आए अपने जन्मस्थान अमृतसर।

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अंतरराष्ट्रीय संगठन ने किया संपर्क
वे एक अप्रैल को अपने घर वापस लौट आए। अमृतसर में आते ही कोविड संक्रमित मरीजों का इलाज करना शुरू कर दिया। इसी बीच उनको मानव सेवा से संबद्ध एक अंतरराष्ट्रीय संगठन Doctor without Borders ने संपर्क किया और अब वे कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के लिए मुंबई पहुंच गए हैं।

डॉक्टर हरमनदीप anaesthesiology and critical care के विशेषज्ञ हैं। 2011 में न्यूयॉर्क जाने के पहले ही हरमनदीप ने अमृतसर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की थी।

अमरीका में कर रहे थे सेवा
अमरीका में रहते हुए भी डॉक्टर हरमनदीप अमृतसर के अपने पिता की ओर से चलाए जा कहे चैरिटेबल दुख निवारण अस्पताल के डॉक्टरों को समय समय पर नई तकनीक व ट्रेनिंग से अवगत कराया करते थे।

डॉक्टर हरमनदीप का कहना है कि जब तक भारत में स्थितियां सामान्य नहीं हो जाती, वे लगातार हर संभव सेवा उपलब्ध कराते रहेंगे।

परिवार में सभी डॉक्टर
डॉक्टर हरमनदीप के पिता डॉक्टर RPS Boparai अमृतसर के जाने माने आर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट रहे हैं। उनकी मां डॉ. ज्ञान कौर महिला व प्रसूति रोग विशेषज्ञ थीं और उनका 2011 में देहांत हो गया था।

मां से मिली सेवा की भावना
डॉक्टर हरमनदीप बताते हैं कि सेवा की भावना उनको अपनी मां से ही प्राप्त हुई है। वे बताते हैं कि भारत में कोविड से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन जरूरी है।



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