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नौसेना प्रमुख ने सेना के तीनों अंगों की एकजुटता को बताया अहम, युद्ध की बदलती प्र​कृति के लिए जरूरी

नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने शनिवार को तीनों रक्षा बलों की ‘एकजुटता’ पर जोर देते हुए कहा कि पहले की तुलना में आज के दौर में युद्ध की बदलती प्रकृति को देखते हुए यह कहीं अधिक अहम हो जाता है। पुणे के खडकवासला में शनिवार सुबह नौसेना प्रमुख ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में 140वें पासिंग आउट परेड को संबोधित किया।

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युद्ध की प्रकृति बदलती जा रही

उन्होंने कहा कि युद्ध की प्रकृति बदलती जा रही है। ऐसे में थल, जल, वायु, अंतरिक्ष और साइबर जैसे सभी क्षेत्रों से विपरित परिस्थितियों में भागीदारी महत्वपूर्ण होती जा रही है। यही कारण है कि तीनों सेवाओं का साथ आना पहले की तुलना में अब कहीं ज्यादा अहम हो चुका है।

नौसेना प्रमुख के अनुसार सैन्य मामलों के विभाग, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) पद की शुरुआत के साथ अहम रक्षा सुधार हुए हैं और जल्द ही थियेटर कमान (सेना के तीनों अंगों की भागीदारी वाला कमान) का गठन होगा।

उन्होंने कहा कि तीनों सेवाओं की अहम भूमिका रही है। ऐसे में प्रत्येक सेवा की परंपराएं, पहचान, वर्दी और तौर-तरीकों की उपयोगिता है। आज के मुश्किल युद्धक्षेत्र में तालमेल और प्रभावी कदम के लिए सैन्य बलों का साथ सबसे बड़ी जरूरत है।

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अकादमी का आधारभूत सिद्धांत

नौसेना प्रमुख के अनुसार एनडीए 72 वर्ष से एकजुटता का प्रतीक बन चुका है। इसका अस्तित्व एकजुटता के मौलिक मूल्यों पर आधारित रहता है। ये अकादमी का आधारभूत सिद्धांत हैं। कैडेट को संबोधित कर सिंह ने कहा कि आप सभी को यह हमेशा याद रखना होगा कि भविष्य में युद्ध चाहे कितना भी विकसित क्यों न हो, इस दौरान प्रभावी नेतृत्व की क्षमताएं और गुण अहम रहते हैं। गौरतलब है कि एनडीए के 56वें पाठ्यक्रम के पूर्व छात्र रह चुके है एडमिरल सिंह। शुक्रवार को अपने पूर्व संस्थान पहुंचकर उन्होंने स्कवाड्रन ‘एच’ के कैडेट के साथ बातचीत की।



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