ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत 'नरसंहार' से कम नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच देशभर के कई राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड्स की कमी से हाहाकार मचा है। अब तक देशभर में ऑक्सीजन की कमी से 100 से अधिक कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसे में संक्रमण के बढ़ते मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी है।
देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट से लेकर कई राज्यों के हाईकोर्ट की ओर से कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्र सरकार समेत राज्य सरकारों को कड़ी फटकार लगा चुकी है। अदालतों ने सरकारों से स्पष्ट कहा है कि पर्याप्त व्यवस्थाएं की जाएं, ताकि किसी की भी जान न जाए।
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अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर एक बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत 'नरसंहार' से कम नहीं है। अदालत ने कहा कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ती में कमी की वजह से किसी कोरोना मरीज की मौत एक आपराधिक मामला है।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार उत्तर प्रदेश के दो जिलों में जिला प्रशासन से अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए कहा है। अदालत ने आगे कहा कि हम अपने लोगों को इस तरह से कैसे मरने दे सकते हैं, जब विज्ञान इतना उन्नत है कि हृदय प्रत्यारोपण और मस्तिष्क की सर्जरी भी इन दिनों हो रही है।
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