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जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का फैसला, कोरोना की दूसरी लहर बीच अंतरिम जमानत पर रिहा होंगे कैदी

जम्मू। कोविड 19 की दूसरी लहर के बीच जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने 90 दिनों के लिए कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का फैसला किया है। हाई कोर्ट ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर दिया है। जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के जस्टिस अली मोहम्मद मागरे की उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में सभी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया। मागरे ने जम्मू-कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण को समिति के दो अन्य सदस्यों से यह जानने के लिए समन्वय करने को कहा कि दोषियों और विचाराधीन कैदियों की श्रेणी क्या है जिन्हें रिहा किया जा सकता है।

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92 कैदी गए थे संक्रमित
जम्मू-कश्मीर के दो जेलों में 92 कैदी कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। अधिकारियों के अनुसार किसी भी कैदी में कोविड का कोई लक्षण नहीं था। सभी को अलग बैरक में रखा गया था। उधमपुर और कुपवाड़ा जिले के कारागार में की गई 'रैपिड एंटीजन जांच (आरएटी) के बाद अब यहां कुल 115 कैदी पॉजिटिव है। इन जेलों में 4,570 से ज्यादा कैदी बंद हैं।

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ऊधमपुर जेल में इतने कैदी पॉजिटिव
अलगाववादी नेता एवं तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ सेहराई की कोविड की वजह से पांच मई को मौत हो गई थी। वह उधमपुर जिला जेल में बंद थे। इसके करीब दो सप्ताह बाद ही दोनों जेलों में विशेष जांच अभियान चलाया गया। अधिकारियों ने बताया कि उधमपुर जेल में सबसे अधिक 72 कैदी और सात जेल के कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। जिसके बाद 479 कैदियों की आरएटी जांच की गई। कुपवाड़ा जिला जेल के 279 कैदियों में से 20 पॉजिटिव पाए गए।



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