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मोदी सरकार को बड़ा झटका, केंद्र के वैक्सीन प्रबंधन से 46.5 फीसदी ग्रामीण नाखुश

नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच तेजी के साथ कोविड टीकाकरण करने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण अभियान को कई राज्यों में रोकना पड़ा है। ऐसे में विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है और वैक्सीन प्रबंधन ठीक से नहीं करने का आरोप लगा रही है।

हालांकि, सरकार विपक्ष के दावों को खारिज कर रही है और ये बता रही है कि सरकार किस तरह से चरणबद्ध तरीके से वैक्सीन का प्रबंधन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। लेकिन इस बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जो मोदी सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।

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दरअसल, कोरोना से निपटने के लिए अपनाए गए कोविड वैक्सीन प्रबंधन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की लोकप्रियता काफी प्रभावित हुई है। खासकर गांवों में वैक्सीनेशन प्रबंधन पर केंद्र सरकार से लोग नाराज दिख रहे हैं।

46.5 फीसदी ग्रामीण वैक्सीन प्रबंधन से नाखुश

एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड के अनुसार, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में 44.9 प्रतिशत लोगों को लगता है कि मोदी सरकार ने महामारी के बीच कोविड वैक्सीन प्रबंधन को उचित रूप से संभाला है। जबकि, शहरी क्षेत्रों में 50.6 प्रतिशत लोगों की राय है कि सरकार ने कोविड के टीके के वितरण को ठीक से संभाला है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में 42.4 प्रतिशत लोग भी ऐसा ही सोचते हैं।

लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में 46.5 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सरकार ने कोविड वैक्सीन प्रबंधन को उचित रूप से नहीं संभाला, जो कि रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में महत्व रखता है। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत बड़े पैमाने पर प्रभावित किया। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक भी देश के ग्रामीण इलाकों में फैल रहा वायरस एक बड़ी चिंता का विषय है।

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44.2 फीसदी शहरी लोगों ने माना कोरोना से लड़ने में मोदी सरकार नाकाम

एबीपी-सी वोटर सर्वेक्षण के अनुसार, 41 प्रतिशत से अधिक लोगों को लगता है कि मोदी सरकार कोरोना वायरस संकट को प्रभावी रूप से संभालने में विफल रही। इसके अलावा सर्वे में शामिल 23.7 प्रतिशत लोगों ने कृषक समुदाय के असंतोष और गुस्से को प्रबंधित करने में सरकार की विफलता की ओर इशारा किया।

सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी क्षेत्रों के 44.2 प्रतिशत लोगों को लगता है कि कोविड-19 संकट से निपटना मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलता रही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 39.8 प्रतिशत लोगों का यही मानना है।

सरकार के वैक्सीन निर्यात के फैसले से सहमत

बता दें कि, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में 43.9 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सरकार ने कोविड के टीके को ठीक से नहीं संभाला। 11 शहरी क्षेत्रों में 2 फीसदी लोग सरकार द्वारा कोविड वैक्सीन प्रबंधन को लेकर कुछ नहीं कह सके। कई राजनीतिक नेताओं ने अपने स्वयं के नागरिकों को टीका लगाने को प्राथमिकता देने के बजाय, अन्य देशों में कोविड के टीके निर्यात करने के केंद्र के फैसले पर निशाना साधा है।

सीवोटर-एबीपी न्यूज सर्वे के अनुसार, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में 47.9 फीसदी लोग मोदी सरकार के कोविड के टीके निर्यात करने के फैसले से सहमत हैं। इसमें शहरी इलाकों के 54.5 फीसदी और ग्रामीण इलाकों के 45.1 फीसदी लोग शामिल हैं, जिन्हें वैक्सीन निर्यात करने के सरकार के फैसले में कोई खामी नजर नहीं आती।

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हालांकि, 34.5 फीसदी लोग, जिनमें 29 फीसदी शहरी और 36.9 फीसदी ग्रामीण शामिल हैं, सरकार के टीकों के निर्यात के फैसले से सहमत नहीं थे। इस नीतिगत निर्णय पर जिन लोगों के पास कहने के लिए कुछ नहीं था, वे 17.5 प्रतिशत थे। इनमें शहरी क्षेत्रों में 16.5 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 प्रतिशत लोग शामिल हैं। सर्वेक्षण के लिए नमूना आकार 12070 था और यह 23-27 मई के बीच आयोजित किया गया था।



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