कौन है शुभल शाह जो वडोदरा में COVID मरीजों को मुफ्त खाना दे रहे हैं
नई दिल्ली। देश एक बार फिर कोरोना वायरस ( Coronavirus In India ) की सुनामी से जूझ रहा है। दूसरी लहर का कहर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी इससे निपटने के लिए कई कदम उठा रही हैं। लेकिन इन मुश्किल हालातों में राहत तब मिलती है जब मदद के लिए कोई हाथ आगे आता है।
कोरोना के जंग के बीच सबसे बड़ी लड़ाई दवा और भोजन की परेशानी की भी आ रही है। ऐसे में वडोदरा के एक शख्स शुभल शाह ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया और साबित कर दिया कि कोरोना काल में भी इंसानियत जिंदा है।
इस शख्स ने कोरोना मरीजों को मुफ्त भोजन देने का बीड़ा उठाया है। इस तरह की पहल तो कई लोगों ने की, लेकिन इस शख्स के तरीके ने ना सिर्फ लोगों को बल्कि कई सामाजिक संगठनों के दिल को भी छू लिया।
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कोरोना के कहर के बीच शुभल शाह ( Shubhal Shah ) एक ऐसा नाम जो लोगों को तसल्ली दे रहा है। राहत दे रहा है और उनके दिल को छू रहा है। वडोदरा के शुभम शाह वही शख्स हैं जिन्होंने कोरोना मरीजों को उनके घर तक मुफ्त भोजन देने की बीड़ा उठाया है।
शुभल ना सिर्फ कोरोना मरीजों को भोजन दे रहे हैं बल्कि हाइजीन का भी पूरा ध्यान रख रहे हैं। खास बात यह है कि जहां एक ओर लोग कोरोना से जुड़ी छोटी से छोटी मदद के जरिए सुर्खियों में आना चाहते हैं, वहीं शुभम शाह अपने नेकदिली की वजह से चर्चा में है।
दरअसल शुभल शाह ने एक ट्वीट के जरिए कोरोना मरीजों को मुफ्त भोजन देने की पेशकश की। उन्होंने लिखा अगर कोरोना से पीड़ित है को घबराएं नहीं, हम आपके दरवाजे तक साफ और सेहतमंद लंच और डिनर पहुंचाएंगे।
शाह ने अपने ट्वीट को यह कहते हुए समाप्त किया कि, हम किसी तरह का नाम या प्रचार कमाने के लिए यह काम नहीं कर रहे हैं। कृपया सीधे हमें मैसेज करें। उनके ट्विटर बायो के मुताबिक, वह एक वित्तीय सलाहकार हैं।
जैसे ही शाह का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वैसे लोगों की दिल छू लेने वाली प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं। शुभल के समर्थन में लोगों ने अपना प्यार सोशल मीडिया पर जताना शुरू कर दिया।
यही नहीं शाह की दरियादिली और उनके सेवा भाव से प्रेरित होकर कई सामाजिक संगठनों ने भी उनसे जुड़ने की पहल की।
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एनजीओ ने भी की जुड़ने की पेशकश
दिलचस्प बात यह है कि उनके ट्वीट पर कई गैर सरकारी संगठनों ( NGO ) का भी ध्यान गया। कुछ उनके समर्थन में आए तो कुछ ने उनके इस सराहनीय काम में उनका हाथ बंटाने और साथ में जुड़ने की पेशकश भी की।
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