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कुंभ पहले खत्म कर कोरोना से जिंदगियां बचाने में जुटे स्वामी बालकानंद गिरी महाराज

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने के कारण इस बार अखाड़ों ने कुंभ को पहले खत्म करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही वह जिंदगियां बचाने में जुट गए हैं। आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने इसकी शुरुआत की है। उन्होंने अपने अखाड़े के माध्यम से जरूरत मंद लोगों को भोजन-पानी समेत दूसरी जरूरत को पूरा करने का काम कर रहे हैं।

सिंबोलिक हो गया है कुंभ
आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराजजी ने बताया कि 14 अप्रैल मुख्य शाही स्नान के बाद पंचायती निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और मैंने 16 अप्रैल को ही कोरोना महामारी के चलते कुंभ को समयपूर्व समापन का निर्णय लिया। 17 अप्रैल को हमने इसकी घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखाड़ा परिषदों और सन्यासियों से कोरोना महामारी को देखते हुए कुंभ को पहले समाप्त करने की अपील की। इसके बाद दूसरे आखाड़ों ने समय से पहले कुंभ समाप्ति करने का फैसला किया। स्वामी बालाकानंद गिरी महाराज ने बताया कि आगे का शाही स्नान सांकेतिक किया जाएगा। यानी हर आखाड़े से दो तीन साधु-सन्यासी जाकर कुंभ में डूबकी लगाएंगे। 27 अप्रैल को होने वाला शाही स्नान पूरी तरह से संकेतिक करने का फैसला किया गया है।

जिंदगी बचना हमारा पहला धर्म
आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने बताया कि मौजूदा समय में हम साधु-सन्यासियों का पहला धर्म लोगों की जिंदगी बचना हो गया है। हम दैविक विधि से पूजा पाठ कर इस महामारी से लोगों की रक्षा करने के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं। साथ ही लोगों को कोरोना से बचने का मंत्र दे रहे हैं। जिंदगी से अनमोल कोई धन नहीं है। हम इसको बचाने में अपनी ओर से हर संभव मंदद दे रहे हैं।

खाने-पीने की व्यापक व्यवस्था कर रहें
आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने बताया कि कोरोना की इस भिषण संकट से मानव जाति की रक्षा के लिए हम फिर से बड़े पैमाने पर अन्य औैर जल की व्यवस्था कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि इस महामारी में कोई भी व्यक्ति भुखा नहीं रहें। हम अपने अखाड़े के माध्यम से खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं। हमने पिछले साल भी इस तरह का प्रबंधन किया था। इस साल भी हम कर रहे हैं। हम से समाज के लिए जो बन पाएगा वो हम करेंगे। इसके साथ लोगों से आग्रह है कि वह कोरोना गाइडलाइन को भी जरूर मानें।

लाखों लोगों के जुटने पर उठ रहे थे सवाल
देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कुंभ मेला जारी रखने पर सवाल भी उठ रहे हैं। इसके बाद कुंभ को पहले समाप्त करने का निर्णया लिया गया है। गौरतलब है कि देश में कोरोना के रिकॉर्ड नए मामले आ रहे हैं।



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