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रिसर्च रिपोर्ट: खास विटामिन लेने वाली महिलाओं में कोरोना संक्रमण का खतरा बेहद कम

नई दिल्ली।

भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर का कहर जोरों पर है। भारत में कोरोना का नया स्टे्रन रोज नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है। ऐसे भी केस आए हैं, जिसमें वैक्सीन की दो डोज लेने वाले भी संक्रमित हो गए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ से शुरू से यह दावा कर रहे हैं कि जिन लोगों की इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है, वही इससे बच रहे हैं। हालांकि, कोरोना वायरस से खिलाड़ी, सेलेब्रिटिज और नेता भी संक्रमित हो चुके हैं, ऐसे में इस दावे पर भी लोग सवाल उठाते रहे हैं।

वहीं, एक नए रिसर्च में अनोखी बात सामने आई है। रिसर्च करने वालों ने दावा किया है कि जो महिलाएं खास तरह की विटामिन की दवाएं लेती हैं, उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं होता। हालांकि, इन शोधकर्ताओं के रिसर्च का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इन खास विटामिन के सेवन से कोरोना संक्रमण से सुरक्षा की कोई गारंटी मिल सकती है। बीएमजे न्यूट्रीशन प्रिवेंशन एंड हेल्थ जर्नल में यह रिसर्च प्रकाशित हुई है। इस रिसर्च के जरिए जो हेल्थ सप्लिमेंट या विटामिन की दवाएं लेते हैं, उन पर अध्ययन किया गया है।

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मल्टीविटामिन के फायदे सीमित
बहरहाल, यह भी बता दें कि मल्टीविटामिन के फायदे सीमित होते हैं और कई बार यह नुकसानदेह भी साबित हो जाते हैं। डॉक्टर्स भी अक्सर लोगों को यही सलाह देते हैं कि वे इन मल्टीविटामिन से बचें और रोज के भोजन में खुद को स्वस्थ्य रखने के लिए माइक्रो न्यूट्रेंट शामिल करें। इसके अलावा, विटामिन के फायदे को लेकर अभी तक हुए शोध में कोई स्पष्ट गाइडलाइन तैयार नहीं हुई है और इसकी डोज मरीज पर निर्भर करती है।

विटामिन दवाओं की खूब बिक्री हुई
यह सब जानने के बावजूद कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में यानी करीब डेढ़ साल पहले विटामिन की कई दवाओं के सेवन को सही बताया गया, जिससे इन दवाओं की खूब बिक्री भी हुई। रिसर्च टीम ने इस पर शोध किया और अपनी रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में हेल्थ सप्लिमेंट का बाजार बीते साल मार्च में लॉकडाउन के दौरान करीब 19.5 प्रतिशत तक बढ़ गया। इसमें विटामिन सी की बिक्री करीब 110 प्रतिशत और मल्टीविटामिन दवाओं की बिक्री 93 प्रतिशत तक बढ़ गई।

हेल्थ सप्लिमेंट का बाजार बढ़ा
इंटरनेशनल रिसर्च टीम की ओर से किए गए इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि अमरीका में कोरोना संक्रमण को लेकर बढ़ी चिंता के दौरान मार्च 2020 के पहले हफ्ते में जिंक सप्लिमेंट में 415 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक, मनुष्य को स्वस्थ्य बनाए रखने में हेल्थ सप्लिमेंट की प्रमुख भूमिका होती है। सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए भी शरीर में माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी को जिम्मेदार माना गया है। दुनियाभर में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ हेल्थ सप्लिमेंट को प्रमुख बताते रहे हैं।

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क्या पूछे गए सवाल
रिसर्च टीम को ये आंकड़े हेल्थ साइंस कंपनी जोए के कोविड-19 सिंप्टम स्टडी एप से मिले, जो वर्ष 2020 की शुरुआत में लॉन्च हुआ था। इसमें प्रतिभागियों को विटामिन संबंधी कई सवालों के जवाब देने को कहा गया था। इसमें प्रो-बायोटिक, गार्लिक, मछली का तेल, मल्टीविटानि, विटमिन-डी, विटामिन-सी, जिंक से जुड़े सवाल शामिल किए गए। इसके अलावा एक जरूरी सवाल यह भी था कि क्या प्रतिभागियों ने कोविड की जांच कराई या नहीं और कराई तो नतीजा क्या रहा।

रिसर्च टीम की चेतावनी
रिसर्च में अमरीका, ब्रिटेन और स्वीडन से चार लाख 45 हजार 850 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें 31 जुलाई 2020 से पहले के सवालों के जवाब दिए गए थे, जिसके आधार पर विश्लेषण किया गया। जब इस अध्ययन के आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण हुआ तो सामने आया कि पुरूषों में हेल्थ सप्लिमेंट को लेकर कोई खास अंतर नहीं था, जबकि महिलाओं में पाया गया कि ओमेगा-3, फैटी एसिड, प्रो-बायोटिक, मल्टीविटानि, विटमिन-डी, विटामिन-सी सप्लिमेंट लेने पर कोरोना संक्रमण का खतरा कम था। हालांकि, रिसर्च टीम ने यह चेतावनी भी दी है कि यह आंकड़े केवल खास विश्लेषण पर आधारित है और जरूरी नहीं कि यह सामान्य परिस्थिति में भी कारगर हो।



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