Header Ads

वैक्सीन की दोनों डोज लें, प्रोटोकॉल का पालन भी करें, तभी मिलेगी कोरोना से मुक्ति

नई दिल्ली । कोरोना वायरस की दूसरी लहर बहुत तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेती जा रही है। ऐसे में जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की जरूरत है। वैक्सीन लगवाने से पहले कुछ सावधानी भी रखना जरूरी है। सावधानी बरतते हुए वैक्सीन की दोनों डोज जरूर लें ताकि आप खुद व अपनों को सुरक्षित करें। वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में काफी तरह के सवाल और भ्रम हैं। राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान (एनआइई) चेन्नई के विशेषज्ञ डॉ. पी गणेश और डॉ. प्रभदीप कौर ने ऐसे ही सवालों जवाब देते हुए भ्रम दूर करने की कोशिश की है।

कौन सी बेस्ट है कोवैक्सीन या कोविशील्ड?
दोनों पर अभी शोध चल रहा है। दोनों ही कारगर हैं। लोगों को गंभीर रूप से बीमार होने अथवा मौत से बचने के लिए वैक्सीन लेनी चाहिए।

क्या एक डोज कोवैक्सीन और दूसरी डोज कोविशील्ड की ली जा सकती है?
नहीं, दोनों डोज एक ही वैक्सीन की होनी चाहिए।

क्या हृदय की बायपास सर्जरी वाला व्यक्ति वैक्सीन ले सकता है?
हां, वैक्सीन लेने में कोई परेशानी नहीं है।

एलर्जी से पीडि़त व्यक्ति को टीका लेना चाहिए?
एलर्जी कई तरह की होती है। ऐसे में चिकित्सक से परामर्श लें। अस्पताल में वैक्सीन लगवाएं, अगर कोई परेशानी होगी तो चिकित्साकर्मी संभाल लेंगे।

वैक्सीन के बाद क्या परेशानियां हो सकती हैं?
बुखार, सर्दी लगना, बदन दर्द, थकान जैसी परेशानियां हो सकती हैं। अगर ये लक्षण दिखते हैं तो पेरासिटामोल लें। 2 से 3 दिन में सब ठीक हो जाएगा।

थायरॉइड पीडि़त ले सकता है?
हां, कोई परेशानी नहीं है।

क्या वैक्सीनेशन से पहले कोई टेस्ट कराना जरूरी है?
पूरे विश्व में ऐसा कोई टेस्ट जरूरी नहीं है। यदि आप में कोरोना के लक्षण हैं तो पहले जांच जरूर कराएं।

क्या पहली डोज लेने वाले स्थान पर ही दूसरी डोज लेनी होगी?
कहीं से भी दूसरी डोज ले सकते हैं।

टीके से संक्रमण हो सकता है?
नहीं, भारत की किसी भी वैक्सीन में जिंदा वायरस नहीं है। ऐसे में संक्रमण का खतरा नहीं है। दोनों डोज लेने के बाद भी मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करें। दूसरी डोज लेने के 14 दिन बाद ही पूरी इम्यूनिटी सेट होती है।

वैक्सीन से पहले रक्त को पतला करने वाली दवाएं बंद करनी होंगी?
नहीं, दवाएं लेते रहें।

दूसरी डोज लेने से पहले संक्रमित हुए तो क्या करें?
दूसरी डोज पूरी तरह ठीक होने के 1 से दो हफ्ते बाद लें। पहली डोज लेने से पहले संक्रमित हुए हैं तो ठीक होने के 28 दिन बाद ही वैक्सीन लगवाएं।

गर्भवती या बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाएं टीका लगवा सकती हैं?
नए नियमों के अनुसार इसकी सलाह नहीं दी गई है।

पहली डोज लेने के बाद संक्रमित होने पर रिकवरी के बाद दूसरी डोज लेनी होगी या दोनों डोज लेनी होंगी?
सिर्फ दूसरी डोज लेनी होगी।

क्या कैंसर पीडि़त रहे लोग भी वैक्सीन लगवा सकते हैं?
किसी भी रोग से पूर्व में पीडि़त रहे लोग वैक्सीन लगवा सकते हैं।

दूसरी डोज लेने के बाद पैर में दर्द है। क्या यह सामान्य है?
चिकित्सक से सलाह लें। पैर में दर्द के कई कारण हो सकते हैं।

क्या कोरोना वैक्सीन से पैदा हुई एंटीबॉडीज दूसरे वायरस से बचने की इम्यूनिटी देती है?
यह विशेष रूप से इसी रोग के लिए है। इसे दूसरी बीमारियों में नहीं दिया जा सकता है। बच्चों को भी अलग-अलग रोगों के लिए अलग-अलग वैक्सीनेशन किया जाता है।

अगर कोई पहली डोज लेने के बाद दूसरी लेने में डर रहा है तो क्या एक डोज से ही काम चल जाएगा?
वैक्सीन का पूरा प्रभाव दोनों डोज लेने के दो हफ्ते बाद आता है। एक डोज पर्याप्त नहीं है।

क्या वैक्सीन से हमारी प्राकृतिक एंटीबॉडीज नष्ट हो जाती हैं?
नहीं, वैक्सीन सिर्फ नई एंटीबॉडीज जोड़ता है। प्राकृतिक एंटीबॉडीज पूर्व की तरह काम करती रहती हैं।

रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग से पीडि़त व्यक्ति वैक्सीन ले सकता है?
हां, इन रोगों से पीडि़त व्यक्ति को संक्रमित होने का खतरा अधिक है। ऐसे व्यक्ति को वैक्सीन जरूर लेनी चाहिए।

वैक्सीन के बाद भी कोरोना हो सकता है?
देश में इसका डेटा नहीं है। अमरीकी एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक 99.99त्न लोग टीका लगवाने के बाद संक्रमित नहीं होते हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.