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Ambedkar Jayanti 2021: बाबा आम्बेडकर के अनमोल वचन जो हमें करते हैं प्रेरित

नई दिल्ली। लोकतांत्रिक देश में संविधान सर्वोपरी होता है और संविधान के जरिए ही शासन-प्रशासन से लेकर हर गतिविधि संचालित होती है। यानी कि संविधान ही लोकतंत्र का मुख्य आधार स्तंभ है। भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसे बाबा साहेब भीम राव आम्बेडकर की अध्यक्षता में कड़ी मशक्कत के बाद तैयार किया गया है।

आज (बुधवार, 14 अप्रैल) बाबा साहेब आम्बेडकर की जन्म जयंती है। भारत में आम्बेडकर जयंती को समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाबा साहेब अपने जीवन काल में दलितों और अछूतों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई भी लड़ी और कहा "मैं एक समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति से मापता हूं"।

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'भारतीय संविधान के वास्तुकार', स्वतंत्रता सेनानी, अर्थशास्त्री और न्यायविद रहे बीआर आम्बेडकर ने भारत में एक ऐसे समाज के लिए लड़ाई लड़ी जहां पर सभी को समान अवसर मिले और सभी के साथ समानता का व्यवहार किया जाए। भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री के तौर पर अंबेडकर ने कई एतिहासिक काम किए हैं। बाबा साहेब कि विचार हमेशा लोकतांत्रिक समाज में रहने वाले नागरिकों को प्रेरित करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं बाबा साहेब के कुछ अनमोल वचन जो हमें एक सच्चे नागरिक बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं..

बाबा साहेब आम्बेडकर के अनमोल वचन

- वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते हैं।

- एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग है, क्योंकि वह हमेशा समाज का नौकर बनने (सेवा करने) के लिए तैयार रहता है।

- जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं करते हैं, तब तक कानून द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वतंत्रता से आपको कोई फायदा नहीं होगा।

- राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और समाज को धता बताने वाले सुधारक सरकार को धता बताने वाले राजनेता से ज्यादा साहसी व्यक्ति हैं।

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- मन की खेती मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए।

- पति और पत्नी के बीच का रिश्ता सबसे करीबी दोस्तों में से एक होना चाहिए।

- पुरुष नश्वर हैं। इसलिए विचार हैं। एक विचार को प्रसार की आवश्यकता है क्योंकि एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है अन्यथा दोनों मर जाएंगे।

- जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।

- मैंने एक समुदाय की प्रगति को उस प्रगति से मापा है जो महिलाओं ने हासिल की है।

- मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।



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