केंद्र सरकार ने दिए निर्देश, निजी अस्पतालों को 30 अप्रैल तक कोरोना टीके के बचे हुए स्टॉक को लौटाना होगा
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नई दिल्ली। एक मई से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान में निजी अस्पतालों को इस माह के अंत तक राज्य सरकार को कोविड-19 टीकों के अन-यूज्ड स्टॉक को वापस करने की बात कही जा रही है। कई राज्यों ने पहले ही इस बारे में अस्पतालों को एक सलाह जारी की है।
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 23 अप्रैल को लिखे पत्र में सभी राज्य मुख्य सचिवों को निर्देश दिया था कि 30 अप्रैल को वैक्सीन स्टॉक यूज्ड न होने पर उन्हें कोल्ड चेन प्वाइंट पर लौटना होगा, जहां से उन्हें जारी किया गया था।
केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया
दरअसल केंद्र ने सभी राज्यों को निर्देश दे रखा है कि वे निजी सीवीसी द्वारा जमा किए गए फंड के साथ उनके स्टॉक के बारे में जानें। इसके साथ अब तक उपयोग गईं वैक्सीन का ब्योरा लें।
कोलकाता स्थित एएमआरआई अस्पतालों के सीईओ रूपक बैरवा ने के अनुसार 16 जनवरी से होने वाले टीकों की खरीद की पूरी प्रणाली अब बंद हो जाएगी। अब तीसरा चरण 1 मई से शुरू होने वाला है।
नई कीमत पर खरीदा जा सकता है
जल्द शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान के लिए अस्पतालों द्वारा टीकों की खरीद के अगले कदम पर बरुआ ने कहा, “हमने वैक्सीन निर्माताओं से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक वे आपूर्ति के लिए किसी भी तारीख का संकेत देने में असमर्थ रहे हैं। यदि केंद्र सरकार अनुमति देती है, तो राज्य सरकार निजी अस्पतालों के लिए खरीद करेगी, जिसे नई कीमत पर खरीदा जा सकता है।
20 मिलियन खुराक की जरूरत
गौरतलब है कि अपनी ओर से, महाराष्ट्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक दोनों को लिखा है कि मई से शुरू होने वाले छह महीनों के लिए ये वैक्सीन निर्माता कितने खुराक की आपूर्ति कर सकते हैं। इसकी जानकारी मांगी गई है। महाराष्ट्र ने कहा है कि उसे 18-44 वर्ष के आयु वर्ग के लिए 120 मिलियन खुराक की जरूरत होगी। सरकार ने टीका निर्माताओं से कहा है कि वे उस कीमत का उल्लेख करें, जिस पर वे इन खुराक की आपूर्ति कर सकते हैं।
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टीकों की कीमत विवादास्पद
सोमवार को केंद्र द्वारा दो वैक्सीन निर्माताओं को अपनी कीमतें कम करने के लिए कहने के बाद टीकों की कीमत विवादास्पद हो गई है। सीरम इंस्टीट्यूट ने राज्य सरकारों के लिए प्रति खुराक 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक की घोषणा की थी। भारत बायोटेक ने कहा था कि वह राज्य सरकारों को 600 रुपये प्रति डोज़ की आपूर्ति करेगा और निजी अस्पतालों से 1,200 रुपये प्रति डोज वसूलेगा।
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