Corona को लेकर केजरीवाल सरकार ने बनाई '3टी' रणनीति, जानिए कैसे करेगी काम

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) का खतरा लगातार बढ़ रहा है। देश के कई राज्यों में नए मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली भी शामिल है। दिल्ली में भी कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी को लेकर केजरीवाल सरकार की चिंता बढ़ गई है।
यही वजह है कि केजरीवाल सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए '3टी' रणनीति अपनाने की तैयारी कर ली है। दरअसल दिल्ली के उन इलाकों में रहने वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन देने पर ज्यादा फोकस किया जाएगा जहां कोरोना महामारी का असर कम है या जहां कोरोना के कम मामले हैं। आइए जानते हैं क्या है 3टी रणनीति, जिससे कोरोना को नियंत्रित करने की है तैयारी
दिल्ली में कोरोना महामारी को रोकने के लिए अब एक नई रणनीति बनाई गई है। ये नई रणनीति ‘टेस्ट ट्रैक एंड ट्रीट’ को लेकर बनाई गई है।
यहां बड़े पैमाने पर टेस्टिंग भी करवाई जाएगी ताकी अगर यहां कोरोना का कोई भी मामला आता है तो उसे जल्द से जल्द ट्रैक करके इलाज शुरू किया जा सके और बाकियों में फैलने से बचे।
दरअसल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इस नई रणनीति पर चर्चा हुई और बताया गया कि ऐसे वार्ड जहां कोरोना की जांच के लिए टेस्टिंग और वैक्सीनेशन कम हुआ है, अब उन पर ज्यादा फोकस किया जाएगा।
129 वार्ड पर ज्यादा फोकस
दिल्ली के कुल 276 वार्ड में से केजरीवाल सरकार का ज्यादा फोकस 129 वार्ड पर रहेगा। दरअसल ये 129 वार्ड वो हैं जहां 50 फीसदी या उससे भी कम निवासियों में एंटीबॉडीज है यानी ऐसे वार्ड जो कोरोना के लिए ज्यादा असुरक्षित हैं।
ऐसे वार्डों में टेस्टिंग और टीकाकरण पर अन्य के मुकाबले ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
सख्ती से रखी जाए निगरानी
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने राज्यों को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना के कुल मामलों के 80.63 फीसदी मामले महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और छत्तीसगढ़ से सामने आ रहे हैं।
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इतना ही नहीं केन्द्र ने राज्यों को देश के 10 बड़े राष्ट्रीय लैब और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कन्ट्रोल( NCDC) के संपर्क में रहने की सलाह दी है, ताकि किसी भी तरह का कोई अलग मामला आता है तो इन लैब से जानकारी लें। अलग मामले से मतलब नए स्ट्रैन से है।
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