उत्तराखंड: सीएम की रेस में धन सिंह रावत सबसे आगे, राम जन्मभूमि आंदोलन में रहे हैं सक्रिय

नई दिल्ली। उत्तराखंड में सियासी भूचाल देखने को मिल रहा है। वर्तमान सीएम त्रिवेंद्र सिंह के इस्तीफे बाद सीएम पद के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं।
सीएम पद की कुर्सी के लिए सबसे ऊपर पहली बार विधायक बने धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे है। उत्तराखंड भाजपा में संगठन मंत्री रह चुके धन सिंह रावत 2007 में विधानसभा चुनाव में पहली बार श्रीनगर से विधायक बने हैं।
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मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले धन सिंह रावत का जन्म सात अक्तूबर 1971 को हुआ था। वे राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय नेता रहे हैं। रावत बाल विवाह विरोधी और शराब निषेध जैसे आंदोलनों से भी जुड़े रहे हैं।
उत्तराखंड को राज्य बनाने को लेकर आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। इस दौरान वह दो बार जेल भी जा चुके थे। रावत का राजनीति में प्रवेश छात्र जीवन में ही एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के रूप में हुआ था। धन सिंह रावत ने राजनीति विज्ञान से पीएचडी तक की पढ़ाई की है।
गौरतलब है कि पहली बार विधायक बने धन सिंह रावत एबीवीपी में प्रदेश मंत्री और प्रदेश संगठन मंत्री पद की जिम्मेदारी भी ले चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी में भी उन्होंने संगठन मंत्री की जिम्मेदारी ली है। इस समय उत्तराखंड के सीएम बनने की दौड़ में वे सबसे आगे हैं।
धन सिंह रावत भाजपा की प्रदेश इकाई में उपाध्यक्ष का कार्यभार ले चुके हैं। फिलहाल उनके पास राज्य सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), सहकारिता, प्रोटोकॉल और दुग्ध विकास विभाग है।
उपमुख्यमंत्री पद को लेकर धामी नाम आगे
इस बीच उत्तराखंड के उप मुख्यमंत्री पद पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे है। घटिमा से दूसरी बार विधायक बन चुके धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाते हैं। साल 2001 में कोश्यारी सरकार के दौरान धामी सीएम के ओएसडी (विशेष कार्य अधिकारी) भी रहे हैं।
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