Header Ads

5 साल में 27 हजार कश्मीरी बच्चों ने छोड़ दिया स्कूल जाना

श्रीनगर । जम्मू -कश्मीर में हर साल हजारों बच्चे स्कूल की पढ़ाई छोड़ रहे हैं। 2015 से 2020 तक पहली से आठवीं तक के 27 हजार से ज्यादा बच्चे स्कूल छोड़ चुके हैं। वर्ष 2015 में 6,200 तो 2020 में 2,900 बच्चों ने स्कूल छोड़ा। स्कूल छोडऩे वालों में सीमावर्ती इलाकों के बच्चों की संख्या ज्यादा है। वहां पाकिस्तानी गोलाबारी से आए दिन स्कूल बंद रहते थे। संघर्ष विराम के बाद बच्चों की स्कूलों वापसी के आसार बढ़े हैं।

लॉक डाउन का असर :
कोरोना को लेकर लगाए गए लॉक डाउन के दौरान स्कूल बंद रहे। इससे भी बच्चों की संख्या घटी। प्रदेश में साक्षरता दर करीब 90 फीसदी है। साक्षरता दर बढ़ाने के लिए मिड डे मील योजना चलाई जा रही है। समग्र शिक्षा अभियान के निदेशक अरुण मन्हास के मुताबिक बच्चों को फिर स्कूलों से जोडऩे के प्रयास जारी हैं। हाल ही तलाश ऐप लॉन्च कि या गया है। इसके जरिए बच्चों को ट्रैक कर स्कूल पहुंचाया जाएगा।

स्कूल छोडऩे का सबसे बड़ा कारण :
स्कूल छोडऩे का एक बड़ा कारण आर्थिक तंगी भी है। आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार बच्चों को स्कूल न भेजकर काम पर लगा देते हैं, ताकि घर का खर्च चल सके । समग्र शिक्षा अभियान के तहत साक्षरता दर बढ़ाने के लिए पंचायत स्तर पर बच्चों को स्कूल लाने की ज्मिेदारी दी गई है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.