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भारतीय वायुसेना के बेड़े में 31 मार्च को शामिल होंगे तीन और रफाल विमान

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के बेड़े में जल्द तीन और रफाल शामिल होने वाले हैं। जानकारी के अनुसार 31 मार्च को राफेल लड़ाकू विमान अंबाला में लैंड करेंगे। इसके बाद अप्रैल के मध्य तक नौ और रफाल लड़ाकू विमान फ्रांस से भारत पहुंचेंगे। ये बुधवार शाम को फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भर रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) वायु सेना के एयरबस 330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर की मदद से इन विमानों को यहां तक पहुंचाया जाएगा।

फ्रांसीसी और भारतीय राजनयिकों की ओर से आई जानकारी के अनुसार भारतीय वायुसेना की एक टीम तीन रफाल को अंबाला लाने के लिए पहले ही फ्रांस पहुंच चुकी है। उम्मीद है कि राफेल के इन तीन लड़ाकू विमानों की खेप 31 मार्च को भारत पहुंच जाएगी।

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जानकारी के अनुसार तीन रफाल विमान बॉरडॉक्स में मेरिग्नाक एयरबेस से 31 मार्च की सुबह सात बजे उड़ान भरने वाले हैं। करीब शाम सात बजे के करीब गुजरात में लैंड करेंगे। नौ विमानों का अगला जत्था अप्रैल में भारत आएगा। इनमें से पांच विमानों को उत्तरी बंगाल में हाशिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।

गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस सरकार के साथ सितंबर, 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का रक्षा सौदा किया था। फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन से पांच रफाल विमानों का पहला बेड़ा पिछले साल 28 जुलाई को भारत पहुंचा था।

राजनाथ सिंह ने इसे गेम चेंजर बताया था

इस बेड़े ने फ्रांस से उड़ान भरने के बाद संयुक्त अरब अमीरात में हाल्ट किया था। यहां पर उसमें ईंधन भरा गया था। रफाल के पहले बेड़े को जब वायुसेना में शामिल किया गया था, तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे गेम चेंजर बताया था। उनका दावा था कि रफाल विमान के शामिल होने से वायुसेना ने तकनीकी स्तर पर बढ़त हासिल कर ली है। रफाल में आधुनिक हथियारों के साथ सुपीरियर सेंसर से लैस लड़ाकू विमान है।

भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित गोल्डन एरो स्क्वाड्रन ने जुलाई, 2020 और जनवरी, 2021 के बीच 11 राफेल लड़ाकू विमानों को पहले ही वायुसेना में शामिल किया गया। इन्हें लद्दाख सीमा पर भी तैनात किया गया। गौरतलब है कि मई 2020 की शुरुआत से ही चीन के साथ सीमा गतिरोध के बाद रफाल विमानों को जल्द से जल्द भारत लाने की कवायद जारी है।

केंद्र सरकार फ्रांस की साफरान मिलिट्री एयरक्राफ्ट इंजिनों के संयुक्त विकास में भी रुचि रख रहा है। गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमानों में 74 किलो न्यूटन के थ्रस्ट वाले दो एम88-3 साफ्रान इंजिन शामिल हैं।



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