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राहत की खबर: अचानक हुई बीमारी से नहीं होगी पैसों की परेशानी, स्वास्थ्य बीमा पायलट योजना तैयार

मुकेश केजरीवाल

नई दिल्ली. अचानक आई बीमारी से घर-बार बिकने की समस्या पर जल्द काबू पाया जा सकेगा। लोगों को सालाना सिर्फ डेढ़ से दो हजार रुपए खर्च कर पूरे परिवार के लिए पांच लाख रुपए का इलाज करवाने की सुविधा मिल सकेगी। इस समय ऐसी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी 15 से 20 हजार रुपए में मिलती हैं। केंद्र सरकार की नेशनल हेल्थ ऑथरिटी (एनएचए) की 'इंश्योरेंस पायलट' योजना में शामिल होने के लिए 18 कंपनियों ने इच्छा जताई है। इनके साथ एमओयू कर इसे जल्द शुरू किया जा सकता है। दुनिया की सबसे बड़ी मुफ्त स्वास्थ्य बीमा योजना चला रही एनएचए ने इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों के साथ रणनीतिक खरीदारी और रिस्क साझेदारी को आधार बनाया है।

योजना शुरू होने से मध्य वर्ग के लोगों का अचानक आई बड़ी बीमारी के दौरान अस्पताल में कैशलेस व पेपरलेस इलाज हो सकेगा। अब तक सरकारी योजनाओं के अलावा देश में सिर्फ 12.5 करोड़ लोग ही स्वास्थ्य बीमा की सुविधा पा रहे हैं। इनमें से लगभग 8 करोड़ लोगों को यह सेवा उनके नियोक्ता की ओर से मुहैया करवाई जाती है। आयुष्मान योजना के तहत 10.74 करोड़ परिवारों के लगभग 50 करोड़ लोगों को बीमा का लाभ पहुंचा रही एनएचए का मानना है कि बेहद आधुनिक और मजबूत आइटी ढांचा, फर्जीवाड़े पर नियंत्रण और लेन-देन के निर्बाध प्रबंधन की मदद से इतने कम मूल्य पर योजना लाई जा सकेगी।

15 हजार बनाम 900 रुपए... आयुष्मान भारत में एक लाभार्थी परिवार को सालभर के लिए 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाने पर औसतन 900 से 950 रुपए खर्च हो रहे हैं। ऐसा कवर प्राइवेट कंपनियां साल के 15 से 20 हजार रुपए के प्रीमियम पर दे रही हैं।

ये हैं 18 कंपनियां... एसबीआई जनरल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस, एको जनरल, आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस, बजाज एलियंज जनरल इंश्योरेंस, चोला मंडलम एम एस, फ्यूचर जनरली, गो डिजिट, एचडीएफसी एर्गो, आइसीआइसीआइ लोंबार्ड, इफको टोकियो, रियायंस जनरल, रेलीगेयर हेल्थ, स्टार हेल्थ एंड अलाइड, टाटा एआइजी और यूनिवर्सल शोंपो।

मिसिंग मिडल-
भारतीय मध्य वर्ग के अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध नहीं है। अचानक आई बीमारी पर होने वाले खर्च को झेलने में ये समर्थ नहीं हैं। इसे नीति आयोग ने मिसिंग मिडल का नाम दिया है। एनएचए ने भी अपनी योजना में लाभार्थी वर्ग के लिए इसी नाम का उपयोग किया है।

ये भी हो सकते हैं प्रावधान...
उम्र की सीमा नहीं बनेगी बाधक-
सूत्रों के अनुसार जहां प्राइवेट इंश्योरेंस में परिवार के सदस्यों की संख्या व उनकी उम्र के आधार पर बीमा प्रीमियम बढ़ता है, इसमें इस तरह की पाबंदी नहीं होगी। परिवार के सभी सदस्यों व किसी भी उम्र के व्यक्ति को इसमें शामिल किया जाएगा। पहले से मौजूद बीमारियों का भी पहले दिन से ही इलाज उपलब्ध होगा।

अधिक का बीमा भी खरीद सकेंगे-
इस योजना में निजी कंपनियों को पांच लाख की मूल योजना के साथ टॉप-अप का प्रावधान रखने की भी छूट होगी। यानी लोग अतिरिक्त भुगतान कर अपनी कवरेज राशि बढ़वा सकते हैं।

कितने में बीमा-
इस योजना में भाग लेने वाली इंश्योरेंस कंपनियों को एनएचए के आइटी सिस्टम, हॉस्पिटल नेटवर्क व ढांचागत व्यवस्था का लाभ मिल सकेगा। योजना में प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर प्रयोग किया जाएगा। ग्राहक को डेढ़-दो हजार रुपए की राशि में बीमा कवर देने की कोशिश की जाएगी।



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