इस राज्य में गधों पर मंडराया खतरा, जानिए लोगों से क्यों डर रहा ये जानवर

नई दिल्ली। देश के दक्षिण राज्य से बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल यहां गधों ( Donkey ) पर जान का खतरा मंडरा रहा है। ये खतरा इन्हें किसी दूसरे जानवर या बीमारी से नहीं बल्कि लोगों से है। हम बात कर रहे हैं आंध्र प्रदेश ( Andhra Pradesh ) की जहां गधों की प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर पहुंच रही है। इसको लेकर सरकार ने अलर्ट जारी किया है।
गधों की संख्या कम होने के पीछे मांस के लिए उन्हें मारा जाना मुख्य वजह है। आईए जानते हैं आंध्र प्रदेश में क्यों कम हो रही गधों की तादाद और क्यों इनके मांस खाने की लोगों में मची है होड़ ।
देश में गधों को विलुप्त होने वाले जानवरों की लिस्ट में रखा गया है। अगर जल्द ही गधों की जनसंख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई तो कई राज्य से यह जानवर पूरी तरह से गायब हो सकता है।
यही नहीं भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसएआई के मुताबिक, गधे 'फूड एनीमल' के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं हैं. इन्हें मारना अवैध है। बाजवूद इसके आंध्र प्रदेश में गधों को मास के लिए मारा जा रहा है।
इसके चलते आंध्र प्रदेश में गधे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। यहां पर गधों को मारकर उनके अवशेषों को नहरों में फेंका जा रहा है।
15 से 20 हजार रुपए तक बिक रहे गधे
इससे लोगों के स्वास्थ्य को लेकर खतरा पैदा हो गया है। बाजार में गधों का मांस करीब 600 रुपये किलो बिक रहा है। मीट बेचने वाले एक गधे को खरीदने के लिए 15 से 20 हजार रुपये तक दे रहे हैं।
अंधाधुंध कटाई
गधों को मास की बढ़ती डिमांड और इसमें अच्छी खास कमाई के चलते मांस के लिए गधों को अंधाधुंध काटा जा रहा है। खास बात यह है कि सख्त निर्देशों को बाद भी इस पर रोक लगाना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
इस वजह से आंध्र प्रदेश में बढ़ी डिमांड
आंध्र प्रदेश में गधों के मांस को लेकर कई धारणाएं हैं। यहां के लोगों को लगता है कि गधे का मांस कई समस्याओं को दूर कर सकता है।
वे मानते हैं कि गधे का मांस खाने से सांस की समस्या दूर हो सकती है। उन्हें यह विश्वास भी है कि गधे का मांस खाने से यौन क्षमता भी बढ़ती है। इन धारणाओं की वजह से लोग गधे के मांस का इस्तेमाल भोजन के तौर पर कर रहे हैं।
इन जिलों में बढ़ी मास की खपत
आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी समेत कई जिलों में गधों को मारा जा रहा है। इनमें कृष्णा, प्रकाशम और गुंटूर समेत कई दूसरे इलाके शामिल हैं। यहां उनके मांस की खपत बहुत तेजी से बढ़ी है। आपको बता दें कि भारत में गधों के मांस का उपयोग कई लोग खाने के लिए करते हैं।
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