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लोकसभा में शाह ने ओवैसी पर निशाना साधा, कहा- अफसरों में भी हिन्दू-मुस्लिम की सोच रखते हैं

नई दिल्ली। लोकसभा में बजट सत्र के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक -2021 बोले कि बिल में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा गया है कि इससे जम्मू-कश्मीर को दर्जा नहीं मिल सकेगा। शाह ने कहा कि इस बिल ऐसा कुछ भी नहीं कि इससे जम्मू—कश्मीर पूर्ण राज्य के दर्जे से वंचित हो जाए। शाह ने कहा कि वे एक दोबारा कहते हैं कि इस बिल से जम्मू=कश्मीर के पूर्ण राज्य से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।

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गृहमंत्री ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा। उन्होंने टिप्पणी कर कहा'असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 2जी से 4जी इंटरनेट सेवाएं विदेशियों के दबाव में बहाल की हैं। शायद उनको पता नहीं है कि ये यूपीए सरकार नहीं, जिसे वो समर्थन करते थे। ये मोदी सरकार है, इसमें देश की सरकार, देश की संसद, देश के लिए फैसले करती है।'

सदन में शाह ने दावा किया कर कहा कि ओवैसी साहब-अफसरों में भी हिन्दू मुस्लिम की सोच रखते हैं। उन्होंने सवाल किया कि "क्या एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता?" शाह के अनुसार एआईएमआईएम प्रमुख अफसरों को हिन्दू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं।

विपक्ष को आड़े हाथ लिया

लोकसभा में शाह ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उसका क्या हुआ? वे उसका जवाब जरूर देंगे। मगर अभी तो 370 को हटे हुए केवल 17 माह का समय हुआ है। आपने 70 वर्ष क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या? अगर आपने ठीक से काम किया होता, तो आपको हमसे यह पूछने की जरूरत न होती।"

शाह ने कहा कि ये मामला कोर्ट में लंबी बहस के बाद, पांच जजों की बेंच के सुपुर्द किया गया है। अगर इस मामले में इतनी असंवैधानिकता होती तो, सर्वोच्च अदालत को कानून पर रोक लगाने का पूरा अधिकार था।



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