Header Ads

नीरव मोदी के बचाव पूर्व जज काटजू के बयानों पर कोर्ट ने लगाई फटकार

नई दिल्ली। ब्रिटेन की कोर्ट में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) के प्रत्यर्पण (Extradition) को लेकर भारत को बड़ी जीत मिली है। अदालत ने नीरव मोदी की याचिका खारिज कर उसके भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।

पीएम मोदी ने देश के पहले टॉय फेयर का किया उद्घाटन, कहा - समय के साथ खिलौने में भी हुए बदलाव

ब्रिटिश कोर्ट में सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के रिटार्ड जज मार्कंडेय काटजू भी खासे चर्चा में रहे। दरअसल काटजू कोर्ट में नीरव मोदी की तरफ से गवाही देने के लिए पहुंचे थे। मगर लंदन की कोर्ट में जज सैमुअल गूजी ने उनकी दलिलों को खारिज कर दिया। उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि उनकी तरफ जो सबूत पेश सामने आए हैं वो भरोसे के लायक नहीं हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जज सैमुअल गूजी ने कहा कि उनके सामने ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आए हैं, जिससे कहा जा सके कि नीरव मोदी के प्रत्यर्पण से लोग राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश में लगे हैं। जज ने काटजू की कड़ी निंदा कर कहा कि उनकी तरफ से दिए गए सबूत 'गैर निष्पक्ष और गैर विश्वसनीय है।

जज के अनुसार उनके सामने सोशल मीडिया के लिंक पेश किए गए। इसके अलावा मीडिया में छपी खबरें मेरे सामने पेश की गई। यहां ये बताने की कोशिश की गई कि नेता इस मामले में दखल देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। हम ऐसे सबूतों को खारिज करते हैं।

क्या कहा था काटजू ने

काटजू ने अपने लिखित और मौखिक दावे में कहा कि भारत में न्यायपालिका का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट है। जांच एजेंसियां सरकार की ओर झुकाव रखती हैं। काटजू ने कहा कि भारत के 50 प्रतिशत जज भ्रष्ट हैं। सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार की नौकर बन गई है। भारत का मीडिया नकारात्मक खबरों को प्रदर्शित करता है। भारत में सरकारी नीतियों के कारण किसी को इंसाफ नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी कमियों को छिपाने के लिए दूसरों को दोषी ठहरा देती है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.