ब्रिटिश कोर्ट ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर सुनाया फैसला, कहा-गुनाह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत
लंदन। पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर ब्रिटिश कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में जज सैमुअल गूजी ने अपने फैसले में कहा कि वे इस बात से संतुष्ट हैं की आपको दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। कोर्ट ने कहा कि नीरव मोदी ने सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को डराने की साजिश रची है।
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मानसिक स्वास्थ्य वाली दलील खारिज
ब्रिटिश कोर्ट ने नीरव मोदी की मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं वाली दलीलों को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि ऐसी स्थिति में यह असामान्य बात नहीं है। जज के अनुसार नीरव मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा दी जाएगी और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल भी की जाएगी। जज के अनुसार नीरव मोदी को भारत भेजने पर आत्महत्या का कोई खतरा नहीं है क्योंकि उसके पास आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है।
भारत आने में लगेगा समय
इस फैसले के बाद भी भारतीय जांच एजेंसियों और नीरव मोदी के पास हाईकोर्ट में अपील करने का मौका होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई अभी और लंबी जा सकती है। नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वारंट पर 19 मार्च 2019 को अरेस्ट किया गया था। प्रत्यर्पण मामले के सिलसिले में हुई सुनवाई को लेकर वह वॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुआ था।
नीरव मोदी को नहीं दी थी जमानत
इससे पहले जमानत को लेकर नीरव मोदी ने कई प्रयास किए थे। मगर सभी प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज हो चुके हैं। इसमें उसके फरार होने का जोखिम है। उसे भारत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना करना होगा। इसके साथ कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं।
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