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शहरी मनरेगा लागू करे सरकार, घटेगी बेरोजगारी व लैंगिक असमानता

नई दिल्ली। कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन में करोड़ों लोगों की नौकरियां व रोजी-रोटी छिन चुकी है। लगभग सबकुछ अनलॉक होने के बाद भी लोग रोजगार के लिए परेशान हैं। ऐसे में देश के जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि शहरी रोजगार गारंटी योजना को लागू कर शहरी गरीबी, बेरोजगारी व महिला-पुरुषों के बीच असमानता को कम किया जा सकता है। विशेषकर छोटे शहरों के लोगों को काम की तलाश में दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने यह बात लैंगिक समानता पर केरल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आइसीजीइ-दो 2021 ) के दौरान कही। उन्होंने इस योजना को विकेन्द्रीकृत शहरी रोजगार और प्रशिक्षण (डीयूईटी) नाम दिया है।

रोजगार के विकल्प -
- शहरों, कस्बों में सरकारी संस्थानों व सार्वजनिक स्थानों पर रोजगार
- शिक्षण संस्थानों, सरकारी अस्पतालों, बस-स्टेशनों पर ज्यादा मौके
- साफ-सफाई, सुरक्षा और वितरण के लिए रोजगार दिया जा सकता
- नगर पालिका में दैनिक कार्यों के लिए योजना को शामिल कर सकते

एक तिहाई नौकरियां महिलाओं को -
ज्यां द्रेज ने कहा कि इस योजना के तहत अल्पकालिक प्रशिक्षण के तहत रोजगार मुहैया कराया जाएगा। महिला असमानता को दूर करने के लिए 33 फीसदी महिलाओं को रोजगार का सुझाव दिया।

क्या है जॉब स्टैंप -
- 18 साल से अधिक उम्र के युवा जॉब स्टैंप के लिए आवेदन कर सकेंगे।
- एक स्वतंत्र एजेंसी कुशल कामगारों, युवाओं को रोजगार मुहैया कराएगी।
- जॉब स्टैंप जारी होने के बाद कुशलता के आधार पर काम दिया जाएगा।
- कुशल श्रमिकों राजमिस्त्री, बिजली तकनीशियन, सैनिटाइजेशन के ज्यादा मौके

जॉब स्टैंप से रोकेंगे भ्रष्टाचार -
उन्होंने भ्रष्टाचार रोकने के लिए नियोक्ताओं को नकद लाभ की बजाय जॉब स्टैंप जारी करना चाहिए। कार्यों की निगरानी, निरीक्षण, ऑडिट व मूल्यांकन के लिए नगर पालिका स्तर पर एक स्वतंत्र प्राधिकरण नियुक्त या नामित किया जा सकता है।

क्यों महत्त्वपूर्ण है सुझाव -
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की ड्राफ्टिंग में हिस्सा लिया था। वह शहरी क्षेत्रों के लिए विकेंद्रीकृत शहरी रोजगार और प्रशिक्षण नाम से योजना का प्रस्तावित कर रहे हैं। कोरोना के कारण बढ़ी बेरोजगारी व महिलाओं को रोजगार देने पर जोर है।

ऐसे बदलेगी तस्वीर-
4,000 छोटे शहर जहां इस योजना के तहत काम संभव
100 दिन रोजगार की गारंटी से जीवन यापन में मदद
500 रुपए प्रतिदिन काम की न्यूनतम मजदूरी का सुझाव
10 साल बाद महंगाई के हिसाब से मजदूरी बढ़ाई जा सकती

राजस्थान के मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं मांग -
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लॉकडाउन में केंद्र सरकार से मनरेगा की तर्ज पर शहरों में भी रोजगार गारंटी योजना को लागू करने का आग्रह कर चुके हैं। उनकी मांग थी कि केंद्र सरकार मनरेगा की तर्ज पर एक निश्चित अवधि के लिए शहरों में बेरोजगारों को रोजगार गारंटी योजना लागू करे।



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