बंगाल के बाद असम में भी चुनाव अभियान का आगाज, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने इस शहर से की शुरुआत
नई दिल्ली।
बंगाल और तमिलनाडु के बाद अब राजनीतिक दलों ने असम का रुख भी कर लिया है। यहां भाजपा की सरकार और भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस ने भी यहां प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है।
दिलचस्प यह है कि कांग्रेस ने भी उसी शहर से प्रचार अभियान की शुरुआत की, जहां से भाजपा ने की है। जी हां, दोनों की पार्टियों ने चुनावी अभियान शिवसागर से शुरू किया है।
आपको बता दें कि असम में शिवसागर का अपना अलग ही महत्व है। यह 1699 से 1788 के बीच अहोम साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी।
भाजपा ने जनवरी में ही शिवसागर में चुनाव अभियान शुरू कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी शहर में भूमिहीन परिवारों को जमीन के कागजात सौंपे। वहीं, वैलेनटाइन डे के दिन यानी 14 फरवरी को कांग्रेस ने भी इसी शहर से राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनावी रैली कर प्रचार शुरू किया। इस रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि असम में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लागू नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि असम में सीएए को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है। यही नहीं, यह मुद्दा इस बार के चुनावी प्रचार अभियान के दौरान प्रमुख तौर पर सभी दलों के बीच हावी रहेगा।
कांग्रेस खेल रही गमोसा (गमछा) कार्ड
शिवसागर में चुनावी रैली के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, असम कांग्रेस के प्रमुख नेता रिपुन बोरा, गौरव गोगोई, प्रद्योत बोरदोलोई और विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया, सुष्मिता देब तथा असम के प्रभारी जितेंद्र सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं ने गमोसा यानी गमछा पहना हुआ था। इस पर सीएए क्रॉस चिन्ह के साथ लिखा हुआ था, जिसका संकेत था कि सीएए को लागू नहीं किया जाएगा। बता दें कि असम में गमोसा सफेद रंग का एक आयताकार कपड़ा होता है। इस पर लाल रंगा पारंपरिक बॉर्डर होता है। गमोसा को असम की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक माना जाता है।
कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेताओं की मानें तो राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं ने पारंपरिक गमोसा पर सीएए लागू नहीं होने की बात लिखकर यह जता दिया है कि आगामी चुनाव में पार्टी इस मुद्दे को सबसे उपर रखने वाली है।
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