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देश में WhatsApp पर चौतरफा हमला, दिग्गज कारोबारियों ने भी शुरू किया विरोध

नई दिल्ली.

जबरन डेटा लेने वाली व्हाट्सएप की नए प्राइवेसी पॉलिसी पर व्हाट्सएप का खुलकर विरोध शुरू हो गया है। टेस्ला के एलन मस्क के विरोध के बाद देश में महिंद्रा समूह के आनंद महिंद्रा और पेटीएम के मालिक विजय शंकर शर्मा और फोन-पे के सीईओ समीर निगम ने भी खुलकर विरोध किया है।

उधर, दिग्गज कारोबारियों के विरोध के बाद सरकार का रवैया गंभीर हो गया है। केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने व्हाट्सएप के नोटिफिकेशन की समीक्षा शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में सरकार कंपनी से जवाब तलब कर सकती है। दरअसल, मंत्रालय यह जानना चाहता है कि यूरोपीय देशों से अलग पॉलिसी यहां पर क्यों जारी की गई है। फिलहाल मंत्रालय दोनों पॉलिसी को समझने में जुटा हुआ है। गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में भारत में कोई भी डेटा प्रोटेक्शन लॉ मौजूद नहीं है। डेटा प्रोटेक्शन बिल को संसद से मंजूरी मिलना बाकी है। ऐसे में इस बिल के कानून बनने में अभी वक्त लगेगा।

आइटी मंत्रालय में चर्चा
व्हाट्सएप की नई पॉलिसी को लेकर आइटी मंत्रालय में उच्चस्तरीय चर्चा हुई है। केंद्र सरकार सभी घटकों से बातचीत के बाद ही कोई कदम उठाएगी। केंद्र सरकार नए डेटा मामले को गंभीरता से ले रही है। बताया जा रहा है कि डेटा मामले में सरकार व्हाट्सएप से सवाल जवाब कर सकती है। केंद्र सरकार की इस पेशी में व्हाट्सएप को कुछ अहम सवालों के जवाब देने पड़ सकते हैं। जैसे- डेटा प्राइवेसी को लेकर व्हाट्सएप ने भारत और यूरोपियन यूनियन व यूके के लिए अलग-अलग नियमों को क्यों लागू किया है। कॉन्फ्रेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारत सरकार से व्हाट्सएप और फेसबुक को तत्काल तौर पर प्रतिबंधित करने की मांग की है। इस बीच व्हाट्सएप की तरफ से सफाई दी गई है कि किसी भी पर्सनल चैट साझा नहीं की जाएगी।

कारोबारियों का खुला विरोध
आनंद महिंद्रा ने विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने सिग्नल को डाउनलोड कर लिया है। महिंद्रा समूह पहले ही अपने कर्मचारियों को व्हाट्सएप पर ऑफिशियल बातचीत को बंद करा चुका है। वहीं, फोन-पे सीईओ निगम ने भी सिग्नल डाउनलोड करने का ट्वीट किया है। जबकि पेटीएम के विजय शंकर शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि कब तक हमें इस तरह के दोहरे मानकों के आधार पर लिया जाएगा? स्व दावा विज्ञापन हमारी गोपनीयता के मुकाबले वास्तविक नीति के सम्मान का दावा करता है।

सिग्नल बोला, नहीं बनना व्हाट्सएप
सिग्नल फाउंडेशन के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन ब्रायन एक्टन ने कहा है कि सिग्नल को व्हाट्सएप नहीं बनना है। उन्होंने कहा कि दोनों ही एप के उद्देश्य अलग-अलग हैं। बता दें कि एक्टन सिग्नल और व्हाट्सएप दोनों के ही को-फाउंडर हैं। एक्टन ने कहा कि हमें वो सब करने की इच्छा नहीं है जो व्हाट्सएप करता है। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि लोग परिवार और मित्रों से संवाद के लिए सिग्नल तथा अन्य लोगों से संवाद के लिए व्हाट्सएप का प्रयोग करेंगे। हमारा उद्देश्य लोगों को चुनने की आजादी देना है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि व्हाट्सएप के कौन से फीचर से सिग्नल दूर रहेगा।

अदालत पहुंचा व्हाट्सएप नई प्राइवेसी नीति का मामला

व्हाट्सएप की नई डेटा और प्राइवेसी पॉलिसी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ गुरुवार को दायर एक याचिका में इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि यह नीति भारत के नागरिकों की निजता के अधिकार का हनन करती है। वकील चैतन्य रोहिल्ला की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यह नीति किसी भी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधि में 360 डिग्री प्रोफाइल व्यू देती है। याचिका में व्यक्ति की राइट टू प्राइवेसी का हवाला देते हुए कहा गया है कि इससे किसी भी व्यक्ति की निजी और व्यक्तिगत गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है और यह कार्य बिना किसी सरकारी निरीक्षण के किया जा सकता है।

इसके अलावा रोहिल्ला ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को एक दिशा-निर्देश देने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वॉट्सऐप अपने यूजर्स के किसी भी डेटा को किसी थर्ड पार्टी या फेसबुक व उसकी कंपनियों के साथ किसी भी उद्देश्य के लिए साझा न करे।



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