Header Ads

Space science के लिए रोमांच भरा होगा नया साल, नापेंगे मंगल, चन्द्रमा और अंतरिक्ष

नई दिल्ली। अंतरिक्ष विज्ञान ( Space Science ) के लिए नया साल निश्चित तौर पर रोमांचक होगा। जिसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा पर उतरने के दूसरे प्रयास की उम्मीदें लगाए है। वहीं, नासा का लक्ष्य ब्रह्मांड को उन गहराइयों तक समझने के लिए भविष्य के मानव मिशन की नींव रखना है, जहां तक पृथ्वी से अभी कोई नहीं पहुंच पाया है।

नए साल में निजी अंतरिक्ष उद्योग की प्रगति की भी एक झलक मिलेगी, जिसमें कई नए रॉकेट अपनी पहली उड़ान भरने वाले हैं।

कोरोना के नए खतरे के बीच फाइजर का टीका लगाने के 48 घंटे बाद हुई हेल्थ वर्कर की मौत, लगातार सामने आ रहे साइड इफेक्ट्स

gr.jpg

मंगल ग्रह
1. मार्स 2020 मिशन
- नासा के ‘मार्स 2020 मिशन’ के तहत छोड़ा गया उपग्रह 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरेगा।
— जुलाई 2020 को रवाना किए इस उपग्रह में पर्सीवेरेंस रोवर और इनजेन्यूटी हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
- यह उपग्रह मंगल पर जीवन की संभावनाएं तलाशेगा और यह पता लगाए कि क्या वहां पहले जीवन था।

2. तियानवेन-1
- फरवरी में ही चीन का तियानवेन-1 (अंतरिक्ष के सच की खोज) रोवर मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करेगा।
- तियानवेन-1 मंगल की सतह पर 23 अप्रेल (संभावित) को उतरने का प्रयास करेगा। यह मंगल ग्रह पर चीन का पहला मिशन है।
- इसका उद्देश्य ग्रह की भूगर्भीय संरचना, मिट्टी और पानी के बारे में अध्ययन करना है।

3. होप मिशन
- संयुक्त अरब अमीरात का होप मिशन के 9 फरवरी को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने और कुछ समय वहीं रहने की उम्मीद है।
- मंगल के लिए शुरू हुआ होप मिशन जुलाई 2020 में लॉन्च किया गया था।
- मंगल पर यूएई का यह पहला मिशन है।
- इसके उद्देश्यों में वहां के वातावरण और जलवायु का अध्ययन करना शामिल है।

चंद्रमा
- जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के दौरान विक्रम लैंडर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भारत एक बार फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश में चंद्रयान-3 मिशन शुरू कर सकता है।

- वर्ष की पहली तिमाही में ही नासा अपना कैप्सटन (सिसलूनर ऑटोनॉमस पोजीशनिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी ऑपरेशन एंड नेवीगेशन एक्सपेरिमेंट) मिशन लॉन्च करेगा। कैप्सटन एक ऑर्बिटर है जो लूनर गेटवे कही जाने वाली चंद्रमा की कक्षा में प्रस्तावित अंतरिक्ष स्टेशन के लिए कक्षीय स्थिरता का परीक्षण और पुष्टि करेगा।

- रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मॉस चंद्रमा पर प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाने के लिए अपना लूना 25 लैंडर मिशन अक्टूबर में लॉन्च करेगी।


चांद की दौड़ में निजी कंपनियां भी पीछे नहीं
- जर्मनी की पीटीसाइंटिस्ट एरियन 6 रॉकेट जिसे यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने एयरबस-सफरान के संयुक्त उपक्रम एरियन ग्रुप समेत करीब 600 कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया है के जरिए रोबोटिक लैंडर एलिना को लॉन्च करने की तैयारी में है।

- अमरीका की इंट्यूटिव मशीन्स एलन मस्क की स्पेस एक्स के एक फाल्कन 9 रॉकेट से नोवा-सी लूनर लैंडर को लॉंन्च करेगी। एक अन्य अमरीकी कंपनी रॉकेट लैब भी ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी के प्रदर्शन के लिए अपना फोटॉन मिशन शुरू करेगी।

- अमरीका की ही एक अन्य निजी कंपनी एस्ट्रोबायोटिक टेक्नोलॉजी अपना मिशन वन जुलाई में लॉन्च करेगी। जिसमें पेरेग्रिन लैंडर और सात रोवर एंडी (अमरीका), आइरिस (अमरीका), स्पेसबिट मिशन वन (ब्रिटेन), यूनिटी (चिली), याओकी (जापान), कोलमेनला (मैक्सिको), और टीम पुली (हंगरी) होंगे।

ew.jpg

अनजान अंतरिक्ष की तलाश!
नासा द्वारा जुलाई में डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (डार्ट) मिशन नामक ‘प्लेनेटरी डिफेंस टेस्ट’ लॉन्च करने की भी उम्मीद है। इसका लक्ष्य 65803 डिडीमोस नामक एक क्षुद्रग्रह का चंद्रमा है, जो पृथ्वी से लगभग 11 मिलियन किलोमीटर दूर है। यह अंतरिक्ष में ही किसी क्षुद्र ग्रह की दिशा को बदलने वाली काइनेटिक इंपैक्टर टेकनीक का पहला प्रदर्शन होगा। इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी से टकराने वाले किसी क्षुद्र ग्रह के खतरे और नुकसान को कम करने के लिए समय रहते उसकी दिशा बदलना है।

- अक्टूबर में नासा बृहस्पति के ट्रोजन्स की ओर अपना लूसी मिशन लॉन्च करेगा, जो ग्रह की समान कक्षा साझा करने वाले क्षुद्रग्रहों का समूह है। इसमें एक समूह बृहस्पति के सामने और एक अन्य उसके पीछे चक्कर काटता है।

- 8 विभिन्न क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करने के लिए लूसी मिशन 12 साल तक चलता रहेगा।
- नासा ने इन क्षुद्रग्रहों को हमारे सौर मंडल के जन्म से 4 अरब साल पहले वाले टाइम कैप्सूल बताया है। क्योंकि उन्हें ‘बाहरी ग्रहों को बनाने वाली सामग्री का अवशेष माना जाता है।

नए रॉकेट और मानव अंतरिक्ष यान
इसरो
इसरो 2021 में पहली बार अपना नया स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) लॉन्च करेगा। स्मॉल लॉन्चर 500 किलोग्राम से कम के पेलोड को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने के लिए बनाया गया है, और यह छोटे सूक्ष्म और नैनो उपग्रहों के प्रक्षेपण के काम आएगा।

नासा
- नासा अब तक के अपने सबसे जटिल अभियानों में से एक को अंजाम देने में जुटा है, जो बेहद गहराई से अंतरिक्ष का अध्ययन करने की राह खोलेगा। नासा के अनुसार, आर्टेमिस 1 ‘अंतरिक्ष को गहराई से खंगालने की नासा की तमाम प्रणालियों का पहला एकीकृत परीक्षण होगा।

- चंद्रमा की ओर चालक रहित टेस्ट फ्लाइट के तीन हफ्ते के मिशन को नवंबर में लॉन्च करना तय किया गया है जो ‘अब तक मनुष्यों के लिए किसी भी अंतरिक्ष यान की तुलना में सबसे लंबी उड़ान भरने’ का गवाह बनेगा.

चीन
- चीन अपने तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन कार्यक्रम के तहत चीनी अंतरिक्ष स्टेशन (सीएसएस) का निर्माण शुरू करेगा। 2021 में तियानहे कोर मॉड्यूल या मुख्य केबिन और संभावता वेंटियन लैब मॉड्यूल भी लॉन्च करने की योजना भी बनाई गई है।

अन्य देश
- स्पेन (रिकवरेबल मिउरा-1), दक्षिण कोरिया (नूरी) और यूक्रेन (साइक्लोन-4 एम) में भी नए रॉकेटों की पहली उड़ान होगी जो इन देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों की तरफ से संचालित होगी।

कोरोना संकट के बीच देशभर में एक बार फिर लगा लॉकडाउन, डेढ महीने के लिए लगाई गईं कई पाबंदियां

निजी कंपनियों में अंतरिक्ष छूने की चाहत

अमरीका की निजी कंपनी यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (यूएलए) इस साल अपने एक हैवी लिफ्ट लॉन्च व्हीकल वल्कन सेंटोर को पहली बार लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।

- जापान की मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज इसी साल देश की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा के साथ विकसित अपने एच3 हैवी लॉन्च व्हीकल को लॉन्च करेगी।

- अमेजन के जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन अपने नए ग्लेन हैवी लिफ्ट लॉन्च वाहन का परीक्षण करने वाली है जो कि पहले चरण में रियूजेबल है।

- निजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बोइंग सीएसटी-100 स्टारलाइनर कैप्सूल की चालक दल के साथ और चालक दल के बिना परीक्षण उड़ान का अंजाम देगी, जो इंसानों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) तक ले जाने में सक्षम है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.