Indian Proud: दुनिया में फहरा रहे परचम, हम भारतीय दिखा रहे अपना दम
नई दिल्ली। विश्व पटल पर नक्षत्र बन चुके भारतवंशियों ( Indians ) के नामों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। राजनीति, अर्थशास्त्र, आइटी, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में इनके हुनर का हौसला बुलंद है। दुनिया के 210 देशों में करीब 3.21 करोड़ भारतवंशी अपनी लगन, समर्पण और हुनर से न केवल भारत का नाम दैदीप्यमान कर रहे हैं, बल्कि उस देश के चहुंमुखी विकास में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कनाडा, अमरीका और ब्रिटेन जैसे देशों में भारतीय मूल के लोगों की आर्थिक, सामाजिक ही नहीं, राजनीतिक हैसियत भी हस्ताक्षर बन चुकी है। ये भारतवंशियों की मेधा है कि मल्टीनेशनल कंपनियां अपने शीर्ष पद के लिए इन्हें शुभंकर मानने लगी हैं।
सुंदर पिचाई, सीईओ, गूगल
भारत के चेन्नई में पैदा हुए सुंदर पिचाई साल 2019 से गूगल की पैरेंट्स कंपनी अल्फाबेट इंक के सीईओ हैं। पिचाई साल 2014 में गूगल के हेड बने। इन्होंने अपने करियर में एंड्राइड, क्रोम और मैप जैसी टेक्नोलॉजी पर काम किया है। इन्होंने आइआइटी खडग़पुर से बीटेक किया है।
सत्या नडेला, सीईओ, माइक्रोसॉफ्ट
भारत के हैदराबाद में पैदा हुए सत्या नडेला फरवरी 2014 से माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं। इन्होंने मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की है। नडेला ने साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से विंडो एनटी ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलपर्स के तौर पर शुरूआत की थी।
शांतनू नारायण, सीईओ, एडोब
शांतनू भारत के हैदराबाद में पैद हुए। इन्होंने 1998 में एडोब ज्वाइन की। इसके बाद साल 2007 में कंपनी के सीईओ बने। इन्होंने ओसमानिया यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस का कोर्स किया है और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है।
अरविंद कृष्णा, सीईओ, आइबीएम
अरविंद ने आइआइटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। यह साल 2020 में आइबीएम के सीईओ बने। ये आइबीएम में करीब 30 साल से हैं।
जॉर्ज कुरियन, सीइओ, नेटएप
केरल मूल के जॉर्ज कुरियन २०१५ में डेटा मैनेजमेंट कंपनी नेटएप के सीईओ बने। आइआइटी मद्रास से इंजीनियरिंग करने के दौरान ही जॉर्ज ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया। उन्होंने एमबीए भी किया है।
पीयूष गुप्ता, सीईओ, डीबीएस ग्रुप
मेरठ में जन्मे पीयूष गुप्ता, डीबीएस ग्रुप के सीईओ और निदेशक हैं। गुप्ता ने सेंट स्टीफंस कॉलेज नई दिल्ली से इकोनॉमिक्स ऑनर्स से बैचरल की डिग्री ली। बाद में आइआइएम अहमदाबाद से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट किया।
वसंत नरसिम्हन, सीईओ, नोवार्टिस
वसंत नरसिम्हन 2018 में दुनिया की बड़ी दवा निर्माता कंपनियों में से एक नोवार्टिस के सीईओ बने। नरसिम्हन के माता-पिता 1970 के दशक में तमिलनाडु से अमरीका जा बसे।
इवान मेनेजीस, सीईओ, डियाजियो
इवान मल्टीनेशनल एल्कोहॉलिक बेवरेज कंपनी डियाजियो के सीईओ हैं। पुणे में जन्मे इवान के पिता विक्टर मेनेजीस भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन रहे हैं। इवान ने सेंट स्टीफंस कॉलेज नई दिल्ली और आइआइएम अहमदाबाद से शिक्षा ग्रहण की है।
संजय मेहरोत्रा, सीईओ मेक्रोन टेक्नोलॉजी
भारतवंशी संजय मेहरोत्रो सैनडिस्क कंपनी के भी सीईओ और प्रेसिडेंट रह चुके हैं। 2018 में इन्होंने मेक्रोन टेक्नोलॉजी ज्वाइन की। इनका बचपन दिल्ली में गुजरा है।
निकेश अरोरा, सीईओ, पालो ऑल्टो नेटवक्र्स
निकेश अरोरा ने साल 2018 में बतौर सीईओ पालो ऑल्टो नेटवक्र्स ज्वाइन किया था। इससे पहले इन्होंने गूगल और सॉफ्टबैंक में काम किया था। इन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बैचलर डिग्री हासिल की है।
अमन भुटानी, सीईओ, गोडैडी
अमन भुटानी ने साल 2019 में गोडैडी के सीईओ बने थे। इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री हासिल की है।
कमला हैरिस, उपराष्ट्रपति, अमरीका
- भारतवंशी कमला अमरीका की पहली महिला उपराष्ट्रपति बनी हैं। इनकी मां तमिलनाडु से थीं। कमला को भारत से खासा लगाव है।
रिषी सुनक, वित्त मंत्री, ब्रिटेन
13 फरवरी 2020 को रिषी ब्रिटेन के वित्त मंत्री बने। रिषी ने इंफोसिस के संस्थापन नारायण मूर्ति की पुत्री अक्षता से विवाह किया है।
प्रीति पटेल, गृहमंत्री, ब्रिटेन
प्रीति पटेल 24 जुलाई 2019 को ब्रिटेन की गृहमंत्री बनीं। प्रीति के माता-पिता भारतीय मूल के थे और वह युगांडा से इंग्लैंड आकर बसे थे।
प्रियंका राधाकृष्णन, मंत्री, न्यूजीलैंड
केरल मूल की प्रियंका न्यूजीलैंड में मंत्री बनने वाली पहली भारतवंशी महिला हैं। उनका जन्म चेन्नई में हुआ था। प्रियंका को नवंबर 2020 में सामाजिक विकास, रोजगार और युवा मामलात का मंत्री बना गया।
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