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पृथ्वी के पास आज होगा एस्टेरॉयड्स का फ्लाइ-पास्ट

नई दिल्ली.

अंतरिक्ष में पांच एस्टेरॉयड छह जनवरी को धरती के करीब से गुजरेंगे। हालांकि, धरती से इनके टकराने की आशंका नहीं है। करीब से गुजरने वाले ऐस्टरॉइड्स को एनइओ (नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स) की श्रेणी में रखा जाता है। अंतरिक्ष विज्ञानियों के लिए चिंता का विषय इन एस्टेरॉयड्स का आकार है। इन पांच में से दो का आकार एफिल टॉवर से भी बड़ा है।

एस्टेरॉयड 2008एएफ4 तो करीब आधा किलोमीटर क्षेत्रफल का है। सेंट्रल फॉर नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स स्टडीज के मुताबिक अगर ये दोनों बड़े एस्टेरॉयड्स धरती से टकराते हैं तो इसका असर दुनिया में मौजूद सबसे बड़े परमाणु बम के बराबर होगा। इनसे 25 से 50 मेगाटन ऊर्जा प्रवाहित होगी।

साइज के साथ आकार भी चिंता का विषय
एस्टेरॉयड के आकार के साथ इसकी गति भी मायने रखती है। अगर एक घर के आकार का एस्टेरॉयड 4800 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ता है तो यह हिरोशिमा पर गिराए परमाणु बम जितनी ऊर्जा छोड़ता है। इसका मतलब अगर इन पांच एस्टेरॉयड में सबसे छोटा 2021एजे भी अगर पृथ्वी से टकराता है तो वह एक पूरे शहर को बर्बाद करने की ताकत रखता है।

फिलहाल खतरा नहीं
नासा के मुताबिक इन पांचों एस्टेरॉयड्स से पृथ्वी को फिलहाल किसी प्रकार का खतरा नहीं है। ये पांचों एस्टेरॉयड्स पृथ्वी से कम से कम 75 लाख किमी दूरी से गुजरेंगे। यह दूरी धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी का करीब 19.5 गुना है।

एस्टोरॉयड समय (जीएमटी) औसत क्षेत्रफल(मीटर) गति (किमी प्रति घंटा)

2021एसी 3:27 73.5 50652
2016सीओ247 4:09 340 60228
2021एजे 11:38 19.5 45648
2018केपी1 13:21 41 15948
2008एएफ4 21:52 495 39564

(नोट: भारतीय समय आइएसटी (इंडिया स्टैंडर्ड टाइम) जीएमटी (ग्रीनविच मीन टाइम) से 5 घंटे 30 मिनट आगे है)



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