Army Day: जानिए 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है सेना दिवस, कौन बना पहला लेफ्टिनेंट जनरल
नई दिल्ली। भारत में 15 जनवरी को हर वर्ष सेना दिवस यानी आर्मी डे ( Army Day ) के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन भारतीय थल सेना आर्मी डे के रूप में मनाती है। आपको बता दे कि इस वर्ष भारतीय सेना अपना 73वां स्थापना दिवस मना रही है। भारतीय इतिहास में इस दिन का खास महत्व है।
दरअसल इसी दिन पहली बार कोई भारतीय इंडियन आर्मी का कमांडर इन चीफ बना था। इससे पहले अंग्रेज ही इस पद पर थे। आर्मी दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी ने भी सेना दिवस पर जवानों को बधाई दीं। आईए जानते हैं सेना दिवस आखिर 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है। साथ ही ये भी जानेंगे कौन सबसे पहले लेफ्टिनेंट जनरल बना।
ब्रिटिश थल सेना मुक्त हुई भारतीय सेना
आर्मी डे 15 जनवरी को आर्मी डे इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 15 जनवरी 1949 भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हो गया था। यही वजह है कि इस दिन को आर्मी दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश की आजादी के दो वर्ष बात इस भारतीय सेना को पूरी तरह आजादी मिली थी।
सर फ्रांसिस को मिली ये जिम्मेदारी
15 अगस्त 1947 को भारत के आजाद होने के बाद ब्रिटिश इंडियन आर्मी दो हिस्से में बंट गई थी। एक पाकिस्तान आर्मी और दूसरी इंडियन आर्मी। लेकिन इसके बाद तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने सर फ्रांसिस को भारत में रुकने के लिए ताकि आने वाले सालों में इंडियन आर्मी बेहतर हो सके। सर फ्रांसिस को ही भारतीय सेना का नया कमांडिंग चीफ चुनने की जिम्मेदारी दी गई थी।
ये बने पहले लेफ्टिनेंट जनरल
आर्मी डे तय होने के बाद भारतीय सेना के पहले लेफ्टिनेंट जनरल बनने का गौरव केएम करिअप्पा को मिला। वे देश के पहले भारतीय के तौर पर कमांडर इन चीफ बने थे। करिअप्पा आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख थे। केएम करिअप्पा को ''किप्पर'' नाम से भी बुलाया जाता है।
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मां भारती की रक्षा में पल-पल मुस्तैद देश के पराक्रमी सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस की हार्दिक बधाई। हमारी सेना सशक्त, साहसी और संकल्पबद्ध है। हमारी सेना ने हमेशा देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। समस्त देशवासियों की ओर से भारतीय सेना को मेरा नमन।'
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