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Kisan Diwas 2020: 23 दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं किसान दिवस, जानिए इसका पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह से संबंध

नई दिल्ली। देश का अन्नदाता ( Farmer )इन दिनों परेशान है। अपनी मांगों को लेकर वो सरकार के सामने सड़कों पर संघर्ष कर रहा है। किसानों का ये प्रदर्शन नए कृषि कानून को लेकर है। लेकिन खास बात यह है कि 23 दिसंबर को 'किसान दिवस' ( Kisan Diwas ) है। जो दर्शाता है भारत में किसानों के लिए एक खास दिन समर्पित है। देश में 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि अन्नदाता की वजह से ही देश कभी भूखा नहीं रहता।

किसानों के सम्मान और उनके प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए इस दिन को 'किसान दिवस' (Farmers Day) के रूप में मनाता है। इस दिन का पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह से भी खास कनेक्शन है।

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पूर्व पीएम से खास संबंध
23 दिसंबर के ही के दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ( Chaudhary Charan Singh) का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों के कल्याण और उनकी स्थितियों को सुधारने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी। आपको बता दें कि चौधरी चरण सिंह जुलाई 1979 और जनवरी 1980 तक पांचवे प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा की।

किसानों के लिए किए कई काम
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन को किसान दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने किसानों के हित में कई कल्याणकारी काम किए। इसकी शुरुआत उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही कर दी थी।

चौरण चरण सिंह ने उठाए बड़े कदम
- 1949 विधानसभा में कृषि उत्पादन बाजार विधेयक पेश किया
- 1952 में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया
- 1953 में जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया
- 23 दिसंबर 1978 को किसान ट्रस्ट की स्थापना की

लोगों को किया जाता है जागरूक
इस दिन किसान दिवस के रूप में मनाने के साथ ही राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। किसानों और अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाता है। इसके लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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कोरोना काल में आई रुकावट
देश में इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों, बैठकों, प्रतियोगिताओं, चर्चाओं और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। लेकिन कोरोना काल के चलते इस वर्ष इन कार्यक्रमों में भी बड़ी रुकावट सामने आई। कई जगह कार्यक्रमों को नहीं किया सका।



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