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DTH पर भारी पड़ रहा OTT प्लेफार्म, जानिए कैसे लोगों के बीच बना रहा जगह

नई दिल्ली। कोरोना महामारी ( Coronavirus ) में लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद लोगों का डीटीएच( DTH), केबल की जगह ओटीटी प्लेटफॉर्म पहली पसंद बनने लगा। लॉकडाउन के बाद भी ओटीटी प्लेटफार्म पर सब्सक्राइबर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी बड़ी वजह है सस्ता व बस एक क्लिक में पसंद के कंटेंट तक पहुंच।

हालांकि इससे पहले डीटीएच कंपनियों ने दर्शकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रयोग किए लेकिन सफल नहीं हुए। डीटीएच एचडी चैनल के एक कनेक्शन का औसतन साढ़े तीन सौ से अधिक कीमत ले रहे हैं, जबकि ओटीटी इससे कम बजट में कई विकल्प दे रहे हैं।

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डीटीएच कंपनियों के मासिक प्लान की कीमत औसतन 363 रुपए चुकाने होते हैं, जिसमें 120 से 300 चैनल देखने को मिलते हैं। वहीं ओटीटी के विभिन्न प्लेटफार्म के लिए औसतन 165 रुपए चुकाने होते हैं। यही वजह है कि नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम विडियो, हॉटस्टार जैसे वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफाम्र्स सब्सक्राइबर को पसंद आ रहे हैं।

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नोट : रुपए प्रतिमाह का प्लान, इसमें इंटरटेनमेंट, स्पोट्र्स, किड्स, सिनेमा और इनफोटेनमेंट चैनल। कुछ में 15-30 एचडी चैनल्स भी। नया सेट-टॉप बॉक्स 1200 से 2000 रुपये के बीच उपलब्ध।

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वार्षिक सब्सक्रिप्शन सस्ता
इसमें से हॉटस्टार, अमेजन प्राइम वीडियो का वार्षिक 999, आल्ट बालाजी 300 रुपए,सोनी लाइव 499, जी5 का 999 रुपए और वूट का 499 रुपए वार्षिक सब्सक्रिप्शन है।

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डीटीएच से मोहभंग की यह भी वजहें
- साल 2019 की तीसरी तिमाही के मुकाबले इस साल केबल बिल 25 फीसदी महंगे।
- पसंद के चैनल चुनने का विकल्प दिया जो और महंगा होने से पसंद नहीं आया।
- चैनल चुनने की जगह फिर चैनल पैक चुनने का विकल्प दिया जो लुभा नहीं सका।

क्या है ओटीटी प्लेटफार्म :
ओटीटी प्लेटफार्म यानी ओवर-द-टॉप प्लेटफार्म। इंटरनेट के माध्यम से विडियो या अन्य डिजिटल मीडिया संबंधी कंटेंट उपलब्ध कराते हैं।



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