Header Ads

Baba Ram Singh ने खुद को क्यों मारी गोली, शिष्य ने बताई ये बड़ी वजह

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों ( Farm Bill ) के खिलाफ किसान आंदोलन ( Kisan Andolan ) के बीच संत बाबा राम सिंह ( Baba Ram Singh )ने सुसाइड कर लिया। बुधवार को उन्होंने खुद को गोली मार ली, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

वहीं बाबा राम सिंह के शिष्य और बाबा बुड्ढा साहेब जी प्रचारक सभा करनाल के सेक्रटरी गुलाब सिंह के मुताबिक बाबा किसान आंदोलन से काफी दुखी थे. उन्होंने खुद को गोली मारने से पहले डायरी में जो बात लिखी है, वो साफ इशारा करती है कि किसान आंदोलन से दुखी होकर बाबा ने अपनी शहादत दी। आपको बता दें कि गुलाब सिंह 1996 से बाबा का शिष्य हैं।

मौसम विभाग ने देश के 6 से ज्यादा राज्यों में जारी किया शीतलहर का अलर्ट, इन इलाकों में बारिश बढ़ा सकती है मुश्किल

uyt.jpg

ऐसे बीते बाबा के पिछले कुछ दिन
बाबा राम सिंह के शिष्य गुलाब सिंह की मानें तो पिछले कुछ दिनों से बाबा राम सिंह लगातार किसानों से मिल रहे थे। वे कहते हैं, 'जब यह घटना हुई उस वक्त भाई मंजीत सिंह उनके नजदीक ही थे। दरअसल मनजीत सिंह बाबा राम सिंह के हुजूरी सेवक हैं। वह हर वक्त बाबा जी के साथ ही रहते हैं।'

दो दिन रखा अरदास समागम
गुलाब सिंह के मुताबिक 8 और 9 दिसंबर को बाबाजी ने करनाल में अरदास समागम रखा, जिसमें कई जत्थे आए थे। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए अरदास की। उन्होंने अरदास में कहा कि किसान आंदोलन में जो भी किसान शामिल हैं, वे सुखशांति से अपने घर पहुंचें।

9 दिसंबर को दिए 5 लाख रुपए
बाबा राम सिंह ने 9 दिसंबर को किसान आंदोलन में जाकर 5 लाख रुपए की राशि भी मदद के लिए दी थी। यही नहीं इसके बाद बाबाजी दोबारा आंदोलन स्थल पहुंचे और ठंड से बचाव के लिए गर्म कंबल भी दिए।

dia.jpg

रोजाना जा रहे थे आंदोलन स्थल
गुलाब सिंह के मुताबिक बाबा पिछले कुछ दिनों से लगातार अपने जत्थे समेत आंदोलन स्थल पहुंच रहे थे। ताकि किसानों का दुख बांट सकें।

रोज लिखते थे डायरी
बाबा राम सिंह रोजाना एक डायरी लिखते थे। इसी डायरी में उन्होंने किसानों के दुख का जिक्र भी किया। उन्होंने डायरी में लिखा- मुझसे यह दुख नहीं देखा जा रहा।'

8 हफ्ते के बच्चे को लगेगा 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन, जानिए क्या है एसएमए बीमारी और क्यों है उसका इतना महंगा इलाज

ऐसा रहा घटना वाला दिन
गुलाब सिंह के मुताबिक बाबा घटना वाले दिन भी आंदोलन स्थल पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने अपने सेवादारों से कहा कि वह मंच पर जाएं।

बाबा इस दौरान गाड़ी में ही बैठे रहे। गाड़ी में बैठकर उन्होंने एक नोट लिखा, इसमें उन्होंने लिखा कि किसान आंदोलन से दुखी होकर कई भाइयों ने अपनी नौकरी छोड़ी, अपना सम्मान वापस किया। ऐसे में मैं अपना शरीर समर्पित कर रहा हूं।

इस नोट को लिखने के बाद बाबा राम सिंह ने गाड़ी में रखी पिस्टल से खुद को गोली मार ली।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.