फर्जी कॉल सेंटर के जरिए अमरीकियों को एक अरब से अधिक का चूना लगाया, 50 कर्मियों को किया गिरफ्तार
नई दिल्ली। पुलिस ने एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह यहां से अमरीकियों को फर्जी काॅल कर अरबों का चूना लगा रहा था। पीरागढ़ी में फर्जी कॉल सेंटर पकड़ा गया है। 50 से ज्यादा लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह कॉल सेंटर करीब तीन साल से चल रहा था।
इस कॉल सेंटर के जरिए अमरीकियों को ही निशाना बनाया जा रहा था। ये लोग अमरीकियों को ड्रग तस्करी के मामलों में कार्रवाई का फर्जी खौफ दिखाकर अपना शिकार बना रहे थे। पुलिस के अनुसार इन लोगों ने साढ़े चार हजार से ज्यादा अमरीकियों को अपने जाल में फंसाया है। बीते दो साल में उनसे करीब 14 मिलियन डॉलर ऐठे हैं। यह कॉल सेंटर स्पेशल सेल के साइबर सेल यूनिट ने पकड़ा है।
पीरागढ़ी में गुरुवार रात को छापा मारा था
पुलिस सूत्रों के अनुसार सूचना मिलने पर साइबर सेल की टीम ने पीरागढ़ी में गुरुवार रात को छापा मारा था। रेड होने के बाद कॉल और कंप्यूटरों की जांच की गई। जांच करने पर सूचना बिल्कुल पक्की निकली। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार कॉल सेंटर चलाने का कोई लाइसेंस नहीं लिया गया था।
हर रोज यहां स्टाफ आता था। काॅल सेंटर में काम करने वाले तमाम स्टाफ को इस बारे में पूरी जानकारी थी। सभी को मालूम था कि ये काम गैरकानूनी है। वे अमरीकियों को उनके सोशल सिक्यॉरिटी कोड के नाम पर धमकी दे रहे थे। इस कारण पुलिस इस काम के मास्टरमाइंड साथ स्टाफ को भी गिरफ्तार किया गया है।
कैसे बनाते थे शिकार
कॉल सेंटर में अमरीकियों को टेलिफोन कर उन्हें यह बताते थे कि अमरीका की कई कानूनी एजेंसियों के अधिकारियों को उनके बैंक खातों की जानकारी मिल चुकी है। इनसे मेक्सिको और कोलंबिया में ड्रग कार्टेल्स से लेनण्देन हुआ है। उन्हें इसका डर दिखाया जाता था। उनकी संपत्तियां और बैंक खाते को सीज करने की बात कही जाती थी। पीड़ितों को दो विकल्प दिए जाते या तो वे गिरफ्तारी का सामना करें या कुछ लेदेकर मामले को शांत करें। इस तरह के संवाद से वे डर के मारे वे मान जाते। इनके कहने पर बिटकाइंस या गूगल गिफ्ट कार्ड्स को खरीदकर देते थे।
प्रत्येक कर्मी को इंश्योरेंस एजेंट जैसा लक्ष्य मिलता था। जितने अधिक लोगों को ठगा नहीं जाएगा। उतना इन्सेटिव अधिक होता था। अमरीकियों को कॉल करए उन्हें इस बात से डराया जाता था कि उनके लिंक ड्रग्स और क्राइम से जुड़े हैं। इससे बचने के लिए उन्हें जबरदस्ती बिटकॉइन या गिफ्ट कार्ड्स खरीदने होते थे। नहीं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई तैयार रहने को कहा जाता था। इससे अकसर अमेरिकी डर जाते थे और वह इन्हें आसानी से पैसा ट्रांसफर कर देते थे।
पुलिस अधिकारी के अनुसार पीरागढ़ी में फर्जी कॉल सेंटर को चलाने वाले मास्टरमाइंड मोती नगर में पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटर से सतर्क नहीं हुए थे। पुलिस अधिकारी को शक है कि इस तरह के फर्जी कॉल सेंटर दिल्ली में बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे हैं।
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