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कोरोना के अलावा रिकॉर्ड छुट्टियों के लिए भी यादगार रहा 2020, आजादी के बाद पहला ऐसा साल जब मिले 150 अवकाश

अनंत मिश्रा.

छुट्टी, जी हां, शब्द ही ऐसा है कि सुनते ही मन बल्ले-बल्ले हो उठता है। फिर वह कर्मचारी चाहें सरकारी हो अथवा निजी क्षेत्र का। साल में सबकों ढेरों छुट्टियां मिलती हैं। शनिवार-रविवार की, होली-दीवाली-ईद की, स्वाधीनता दिवस-गणतंत्र दिवस की तो राखी और जनमाष्टमी की भी। केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र में छुट्टियों की संख्या निर्धारित है। साल बीत रहा है। नया साल आने की तैयारी में है। कर्मचारी अगले साल की छुट्टियों का हिसाब—किताब लगा चुके होंगे। त्योहार कहीं शनिवार - रविवार के दिन तो नहीं पड़ रहे।

अगर इस साल पर नजर डाली जाए तो ये पूरी तरह कोरोना के नाम रहा। आजादी के बाद से शायद ही कोई ऐसा साल रहा होंगा जिसमें एक मुद्दे ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को हिलाकर रखा हो। सालाना छुट्टियों के अलावा इस साल 25 मार्च से लगभग एक से डेढ़ महीने तक सरकारी - निजी कार्यालय बंद रहें। अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर पूरा देश एक - डेढ़ महीने के लिए लगभग बंद रहा। दफ्तरों में कामकाज बंद रहा तो कर्मचारियों ने जरूरी काम घर से ही निपटाया। कह सकते हैं कि 2020 ने जमकर छुट्टियां तो दी लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि उन छुट्टियों का उत्साह कर्मचारियों में ज्यादा दिन नहीं रहा।

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केंद्र की कहानी
केंद्र सरकार के दफ्तरों में शनिवार - रविवार के सालाना 104 अवकाश होते हैं। इसके अलावा तीज - त्योहारों, राष्ट्रीय पर्वों तथा अन्य अवसरों पर लगभग 19 छुट्टियां होती है। यानी दफ्तर साल में लगभग 123 दिन बंद रहते है। इस साल कोरोना के चलते हुए लाॅकडाऊन के कारण लगभग एक महीने सरकारी कार्यालय बंद रहे। इस लिहाज से छुट्टियों की संख्या इस साल 150 से अधिक रही।

राज्यों की जुबानी
केंद्र सरकार के मुकाबले राज्य सरकारों में छुट्टियां अधिक होती हैं। शनिवार - रविवार के 104 दिन के अलावा राजस्थान में इस साल 27 अवकाश घोषित थे। ऐच्छिक और कलेक्टर द्वारा घोषित किए जाने वाले अवकाशों को छोड़ दिया जाए तो ये संख्या 31 होती है। यानी कुल 135। इसमें कोरोना के दौरान बंद रहे दिनों को जोड़ दिया जाए तो ये आकड़ा 160 से 170 दिन का पहुंचता है।

कोरोनाकाल:-
कोरोना के कारण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक घोषित 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लाॅकडाऊन की वजह से आवशयक सेवाओं को छोड़कर पूरे देश में 21 दिन का अवकाश हो गया। लाॅकडाऊन 2.0 के तहत 15 अप्रैल से 3 मई तक 19 दिवसीय राष्ट्रव्यापी लाॅकडाऊन लगाया गया। इस लाॅकडाऊन के तहत डिप्टी सैकेट्री से ऊपर के अधिकारियों को कार्यालय में जाने के आदेश दिए गए ताकि कामकाज फिर से पटरी पर आ सके। 20 अप्रैल से पूरे देश को तीन जोन में बांटा गया रेड जोन, आरेंज जोन और यैलो जोन। रेड जोन को छोड़कर बाकी जोन में पूरी सावधानी के साथ 33 प्रतिशत की उपस्थिति के साथ कार्यालयों को खोलने की अनुमति दी गयी।

कुछ अन्य अवकाश:-
सरकारी अथवा निजी, हर कर्मचारी को प्रतिवर्ष एक निश्चित मात्रा में अवकाश मिलते हैं। जिनकों हम अर्जित, आकस्मिक अवकाश अथवा पेड लीव के नाम से जानते हैं।

:- केंद्रीय कर्मचारियों को साल में कई छुट्टियां मिलती हैं जो अन्य सभी अवकाश से अलग होती हैं।
ये अवकाश तीन श्रेणियों में विभाजित होते है।

1) आकस्मिक अवकाश - 8 - 10 दिन
2) अर्जित अवकाश - 30 दिन
3) हाफ पे लीव - 20 दिन ( इसमें कर्मचारियों को आधे दिन का ही वेतन मिलता है। )



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