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कांटे हैं इस कुर्सी में ! बिहार CM का बड़ा सिरदर्द ये हैं वो 10 बड़ी चुनौतियां

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से बिहार काफी सुर्खियों में रहा। क्योंकि, कोरोना काल में विधानसभा चुनाव कराया गया। राज्य में एक बार फिर NDA को पूर्ण बहुमत मिला है। कयास लगाया जा रहा है कि जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार के एक बार फिर बिहार की कमान संभालेंगे। लेकिन, बिहार के सीएम की कुर्सी में काफी कांटे हैं, जिससे पार लगाना आसान नहीं हैं। खासकर, 10 ऐसी चुनौतियां हैं, जो किसी भी मुख्यमंत्री के लिए सिरदर्द से कम नहीं है। आइए, जानतें है कि आखिर बिहार क्या-क्या चुनौतिया हैं।

1. राज्य में सबसे बड़ी चुनौती गरीबी है। बिहार राज्य लगातार गरीबी की ओर बढ़ता जा रह है। राज्य में कमाई की दर लगातार गिरती जा रही है, जिसके कारण यहां गरीबी बढ़ती जा रही है। साल 1960-61 में पर कैपिटल इनकम 54.7 प्रतिशत था। वहीं, 2018-19 पर कैपिटल इनकम पहुंचकर 34.6 प्रतिशत हो गया है।

2. बिहार से काफी संख्या में प्रवासी मजदूर पलायन किए हैं। रोजगार के लिए हर दिन लोगों से दूसरे-दूसरे राज्यों में जाते रहते हैं। तकरीबन 22.3 प्रतिशत लोग ही बिहार में लोग खेती, फिशिंग और फॉरेस्ट्री में काम करते हैं। वहीं, 6.8 प्रतिशत लोग ही मैन्युफैक्चरिंग में काम करने के लिए मिलते हैं।

3. बिहार में काम करने के लिए 15 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या भी कई राज्यों से कम है। केवल 40.4 प्रतिशत लोग ही इस ग्रुप में मिलते हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में इसकी संख्या 43.2 प्रतिशत है। जबकि, हरियाणा में इसकी संख्या 46.2 प्रतिशत है।

4. बिहार में बेरोजगारी भी बहुत ज्यादा है। भारत में यूथ बेरोजगारी के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है। बेरोजगारी का दर यहां 30.9 प्रतिशत है। जबकि, केरल में सबसे ज्यादा 35.2 प्रतिशत है।

5. राज्य में ज्यादातर बच्चे अभी भी स्कूल जाने से वंचित हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 25 प्रतिशत बच्चे यहां अब भी स्कूल नहीं जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पांच में से एक बच्चे स्कूल जाने से वंचित हैं।

6. उच्च शिक्षा के मामले में भी बिहार फिसड्डी है। हायर स्टडी के लिए ज्यादातर यहां के लोग अन्य राज्यों में जाते हैं। केवल 4.9 प्रतिशत लोग ही बिहार में रहकर उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं।

7. पढ़ाई के लिए यहां के ज्यादातर लोग प्राइवेट कोचिंग पर निर्भर करते हैं। बिहार में 26.9 प्रतिशत पेरेंट्स पढ़ाई के लिए अपने बच्चों को प्राइवेट कोचिंग में भेजते हैं।

8. राज्य में बेहतर शिक्षा के लिए यहां ज्यादा पैसे खर्च करके शिक्षकों को हायर किया जाता है। चाहे वह पेरेंट्स हो, स्कूल हों या फिर अन्य शैक्षणिक संस्थान हों। इसकी संख्या राज्य में 18.6 प्रतिशत है।

9. बिहार में कम उम्र के लोगों से काम कराने का प्रचलन ज्यादा है। 0-14 उम्र की बात हो तो 34.6 प्रतिशत पुरुष, 33.6 प्रतिशत महिलाएं काम करती हैं। वहीं, 15 से 59 की उम्र में 65.1 प्रतिशत पुरुष और 66.6 प्रतिशत महिलाएं काम करती हैं।

10. बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत भी बहुत खराब है। भारत में सबसे ज्यादा बिहार में ही स्वास्थ्य व्यवस्था लचड़ा हुआ है। यहां पब्लिक हॉस्पिटल्स की संख्या 9.7 प्रतिशत है। जबकि, प्राइवेट हॉस्पिटल की संख्या 15.9 प्रतिशत है।



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